फर्जी नसबंदी के आरोपी डॉक्टर की याचिका खारिज
जागरण संवाददाता, बरेली: फर्जी नसंबदी के 20 साल पुराने मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण को
जागरण संवाददाता, बरेली: फर्जी नसंबदी के 20 साल पुराने मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट संख्या-दो एके सिंह ने 41 वें अभियुक्त डॉ.विद्या गोखले की याचिका खारिज कर दी। डॉ. विद्या गोखले के अधिवक्ता ने विशेष न्यायालय में अर्जी पेश की थी। इसमें विरुद्ध प्रबल साक्ष्य के आधार पर ही आरोप बनाने की बात कही थी। अपने पक्ष में डाक्टर का कहना था, विवेचना में कोई ठोस साक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है। विशेष न्यायाधीश एसके सिंह ने डॉ. विद्या गोखले की अर्जी खारिज कर दी। न्यायाधीश ने आदेश में कहा कि अभियुक्त डॉ. विद्या की पूर्व में भी आरोपों से मुक्त करने संबंधी याचिका आई थी। उसे खारिज कर दिया गया था। प्रथम दृष्टया अपराधिक षडयंत्र के तहत लोकसेवक के पद पर तैनात रहते हुए वर्ष 1994-95 में नसबंदी आपरेशन किए बगैर ही अभिलेखों में दर्ज करके राजकीय धनराशि हड़प ली थी। डॉक्टर ने आनंदी पत्नी केशव का 23 दिसंबर-94 में ऑपरेशन दिखाया था। इसके साथ ही सुनीता पत्नी आकिल सिंह का तीन फरवरी-95, कलावती पत्नी पदम सिंह निवासी ग्राम रूद्रपुर का सीएचसी पूरनपुर, पीलीभीत में ऑपरेशन दिखाए थे। वह उस दौरान पीलीभीत की जिला महिला अस्पताल में गायनीकोलोजिस्ट थी। यह जिम्मेदारी सीएचसी पूरनपुर की प्रभारी की होती है। विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार निवारण कानून की धारा 13 (1) व 13 (2) के तहत भी आरोप बनाकर उन्हें सुनाए। कोर्ट ने आगामी 4 अगस्त को साक्ष्य पेश करने का आदेश संबंधित शासकीय अधिवक्ता को दिया है।