आइपीएल का संट्टा बना अनवर की मौत का सबब
जागरण संवाददाता, बरेली : छात्र अनवर जावेद के अपहरण और फिर हत्या की कहानी आइपीएल में सट्टे से जुड़ी नि
जागरण संवाददाता, बरेली : छात्र अनवर जावेद के अपहरण और फिर हत्या की कहानी आइपीएल में सट्टे से जुड़ी निकली। अपहरणकर्ताओं ने आइपीएल के सट्टे में छह लाख गंवाने के बाद कर्ज की भरपाई को अपहरण की योजना बनाई। पहचाने जाने के डर से अपहरणकर्ताओं ने गला घोटकर पहले छात्र को मौत के घाट उतार दिया। फिर उसके शव को बोरे में छिपा दिया। लाश को ठिकाने लगाने के लिए हत्यारे बिबियापुर के आगे अंधेरिया वाले मासूर की मजार के पास नदी के किनारे पहुंचे और शव को जला दिया। शरीर के अवशेष को साड़ियों के कट्टे में दोबारा भरकर नदी में फेंक दिया। पुलिस सर्च टीम ने शनिवार को नदी में गोताखोरों को उतारकर शव ढूंढने की कोशिश की। इज्जतनगर पुलिस ने अपहरण और हत्या के चार आरोपियों में दो को गिरफ्तार करके पूरे मामले से पर्दा उठाया है। पुलिस ने शुक्रवार को 3.30 बजे उजैर पुत्र यासीन, सिराज पुत्र इसरार अली को मिनी बाइपास रोड पर श्रद्धा अस्पताल के सामने से गिरफ्तार किया। शनिवार को पुलिस गिरफ्त में पहुंचे आरोपियों ने यह बात कबूल की। एसपी सिटी समीर सौरभ, सीओ प्रथम मुकुल द्विवेदी, सीओ तृतीय असित श्रीवास्तव ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों से बातचीत में घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि सैदपुर हाकिंस से गुमशुदा अनवर जावेद के पिता रईस मियां ने इज्जतनगर थाना पर 13 जुलाई को गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी। 12 वर्षीय अनवर पद्मावती एकेडमी में कक्षा सात का छात्र था। इसके बाद 18 जुलाई को अनवर के पिता के पास 20 लाख फिरौती के लिए फोन भी आया। फिर 22 जुलाई को दोबारा नये नंबर से फिरौती की मांग हुई। फिरौती के लिए आ रहे फोन नंबरों को सर्विलांस पर लगाकर अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया। अपहरण की योजना उजैर ने बनाई थी। उजैर ने बताया कि वह आइपीएल सट्टा में छह लाख रुपये हारा था। कर्ज लौटाने के लिए अपने साथियों सिराज, शबाब पुत्र अतीक निवासी सैदपुर हाकिंस और कल्लू पुत्र इस्माइल निवासी सनैया रानी सीबीगंज के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई थी।
छत पर ले जाकर घोंटा गला
सिराज अनवर के पड़ोस में रहता था। जब अनवर अपनी फूफी के घर जाने के लिए निकला तो सिराज साथ में था। रास्ते में उजैर के घर पर मोबाइल का चार्जर लेने के बहाने उसके घर की दूसरी मंजिल पर अनवर को ले गया। उजैर के पिता जरी की साड़ियों के बड़े कारोबारी है। साड़ियों के गोदाम में पहले से मौजूद शबाब और कल्लू ने अनवर को पकड़ लिया। इसके बाद चारो ने हाथ पैर पकड़कर रूमाल से अनवर का गला घोट दिया।
साड़ियों के कट्टे में ठूंसा शव
लाश को साड़ियों की पैकिंग वाले कट्टे में भरा गया। लाश को छिपाने के लिए ऊपर और नीचे साड़ियों को लगा दिया गया।
इस तरह लाश को लगाया ठिकाने
लाश ठिकाने लगाने के लिए सभी मोटर साइकिल से बिबियापुर के आगे अंधेरिया वाले मासूर की मजार के पास पहुंचे। बाइक के पेट्रोल से लाश को जलाया गया। जलता हुआ शव छोड़कर वह लोग वहां से निकल गए। चार घंटा बाद वापस लौटने पर उन्होंने देखा कि शव पूरी तरह से नहीं जल पाया है। अवशेष को दोबारा एक कट्टा में भरकर नदी में फेंक दिया।
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इनसेट --
नए मोबाइल और सिम से किया संपर्क
अपहरण के बाद फिरौती वसूलने के लिए उजैर ने दो नए और दो पुराने मोबाइल व आठ सिम खरीदे थे। फिरौती के फोन करने के बाद उजैर ने मोबाइल और सिम तोड़कर फेंक दिए थे। इसके बावजूद लोकेशन ट्रेस होने पर अपहरणकर्ता बच नहीं सके।
पहचाने जाने के डर से मार दिया
अनवर अपहरणकर्ताओं में कल्लू के अलावा सभी को पहचानता था। इसलिए अपहरण के साथ ही तय हो गया था कि अनवर को मार दिया जाएगा।
रईस के साथ खोजते रहे अनवर को
धोखा देने के लिए सभी अपहरणकर्ता पड़ोसी होने के नाते रईस के साथ अनवर को खोजते रहे। उन्होंने परिवार को भनक भी नहीं होने दी कि वे अपहरणकर्ता हैं।
डीएनए टेस्ट के बाद तरमीम होगा मुकदमा
उजैर की निशानदेही पर राख, जली हुई साड़ियों के टुकड़े और जला हुआ रुमाल मिला है। शनिवार को करीब पूरे दिन गोताखोरों ने नदी में शव की तलाश की है। इज्जतनगर पुलिस ने मुल्जिमों को धारा 34, 364 ए, 201 में गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार साड़ियों पर मांस के डीएनए टेस्ट से मानव मांस की पुष्टि होने के बाद ही धारा 302 लगाई जा सकती है। लाश की बरामदगी के लिए पुलिस न्यायालय से रिमांड का प्रयास कर रही है।