माइक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी में प्रवेश का रास्ता खुला
जागरण संवाददाता, बरेली : रुहेलखंड विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी कोर्स में प्रव
जागरण संवाददाता, बरेली : रुहेलखंड विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी कोर्स में प्रवेश की अड़चन जल्द दूर होगी। दोनों कोर्स में प्रवेश के लिए कुलपति प्रोफेसर मुशाहिद हुसैन से अनुमति मांगी गई है। प्रवेश को हरी झंडी मिलते ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
2002 में रुहेलखंड विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल और उसके बाद एक्जीक्यूटिव काउंसिल ने कोर्स को पास किया था। एप्लाइड साइंस के उस वक्त डीन रहे प्रोफेसर एके जेटली ने इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजा था। 2005 में शासन ने कोर्स शुरू करने को एनओसी जारी कर दी। यह कोर्स स्ववित्तपोषित रूप में संचालित होना था। राजभवन से इसके लिए परिनियम भी बना दिया। वहीं इस कोर्स का पाठ्यक्रम भी पास हो गया। दोनों कोर्स संचालित करने के लिए भवन भी तैयार हो गया लेकिन इंचार्ज बनने की खींचतान में कोर्स शुरू करने में पेंच फंस गया और आखिरकार कोर्स नहीं शुरू हो सके। 2008 से लेकर अब तक कई बार प्रयास हुए लेकिन कोर्स शुरू करने में विवि प्रशासन नाकाम रहा। जबकि परिनियम में शामिल होने से दर्जनों कॉलेजों ने यह कोर्स शुरू कर लिए। वहीं विवि में खींचतान के चलते यह कोर्स शुरू से डंडे बस्ते में चले गए। एप्लाइड साइंस के पूर्व डीन एके जेटली ने बताया कि सभी दस्तावेजों के साथ कुलपति को पत्र भेजकर दोनों कोर्स में प्रवेश शुरू कराने की अनुमति मांगी गई है। उन्होंने कहा कि जब सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है तो कोर्स क्यों नहीं शुरू किए जा रहे हैं। अगर कोर्स शुरू नहीं किया गया तो यूजीसी की लाखों की ग्रांट भवन निर्माण में क्यों लगाई गई। उन्होंने बताया कि कोर्स में प्रवेश की अनुमति मांगी गई है। वहीं कुलपति प्रोफेसर मुशाहिद हुसैन ने बताया कि इसपर जल्द गंभीरता से विचार किया जाएगा।