Move to Jagran APP

रोडवेज आरएम की नीली बत्ती उतारी

जागरण संवाददाता, बरेली : सूबे में लाल व नीली बत्ती का दुरुपयोग रोकने के लिए शासन ने दो दिवसीय विशेष

By Edited By: Published: Sun, 24 May 2015 10:33 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2015 10:33 PM (IST)
रोडवेज आरएम की नीली बत्ती उतारी

जागरण संवाददाता, बरेली : सूबे में लाल व नीली बत्ती का दुरुपयोग रोकने के लिए शासन ने दो दिवसीय विशेष अभियान चलाने का फरमान जारी किया है। जनपद में अभियान का श्रीगणेश हुआ चौकी चौराहे से। यातायात पुलिस ने रविवार की शाम रोडवेज के जीएम समेत कई वाहनों की लाल बत्ती उतारकर सौ रुपये का जुर्माना वसूल किया। टीम ने न्यायधीश और एसडीएम के नीली बत्ती लगे वाहन को भी रोककर परिचय पत्र देखा। इस दौरान यातायात नियमों के उल्लंघन पर एक चिकित्सक, व्यापारी समेत आधा दर्जन वाहनों का चालान भी किया गया।

loksabha election banner

मुख्य सचिव व डीजीपी ने लाल व नीली बत्ती लगे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर गहन चेकिंग के निर्देश दिए है। इन पर अमल करते हुए शहर में यातायात पुलिस की ओर से चौकी चौराहे पर वाहनों को रोककर चेक किया गया। इस दौरान उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के हरदोई क्षेत्रीय प्रबंधक एएन अंसारी भी उधर से गुजरे। टीएसआइ मनोज कुमार ने उनकी गाड़ी को चेक किया। आरएम से खुद का परिचय दिया लेकिन टीएसआइ ने उनकी एक न मानी और चालक को बुलाकर सौ रुपये का जुर्माना ठोंक दिया। इसे लेकर अधीनस्थों ने भी नाराजगी जताई। इसी दौरान अमरोहा के एसडीएम नीली बत्ती के साथ गुजरे। यातायात पुलिस कर्मियों ने उनके वाहन को रोककर परिचय लिया। टीम ने न्यायधीश को भी नहीं बख्शा। परिवार के साथ निजी वाहन से नीली बत्ती लगाकर जा रहे एसीजेएम को रोककर उनका परिचय पत्र देखा।

मैं दस गुना पुलिस से वसूलूंगा

अभियान के दौरान मुरादाबाद के एक चिकित्सक यातायात नियमों के उल्लंघन में फंस गए। खुद को बच्चों का डाक्टर बताकर उन्होंने परिचय दिया। लेकिन जब टीएसआइ ने उन पर 200 रुपये का जुर्माना बोला तो वह आग बबूला हो गए। बोले यह मैं पुलिस कर्मियों से जुर्माने की राशि का दस गुना वसूल करूंगा। इस पर टीएसआइ ने नियमों को और सख्त करते हुए जुर्माना दो हजार कर दिया। तर्क भी समझाए। सुझाव दिया कि पुलिस से पंगा लेना ठीक नहीं है..। दो हजार जुर्माना सुन डॉक्टर साहब को भूल का अहसास हुआ। उन्होंने पुलिस वालों से नजदीकियां बताते हुए जुर्माने की राशि में रियायत का आग्रह किया। एक हजार में मामला तय हुआ, दो सौ जगह एक हजार की जुर्माना राशि अदा करने के बाद डाक्टर साहब पुलिस कर्मियों से हाथ मिलाकर चले गए। अभियान में व्यापारी नेता भी फंस गए, उन्हें भी दो सौ रुपये का जुर्माना भरना पड़ा।

आज विकास भवन व कचहरी पर अभियान

यातायात पुलिस ने सोमवार को विकास भवन के अफसरों समेत नेताओं व दर्जा राज्यमंत्रियों के वाहनों को निशाना बनाने का निर्णय लिया है। दरअसल विकास भवन के किसी भी अफसर को नीली बत्ती लगाने का अधिकार नहीं है लेकिन अधिकांश अधिकारी नीली बत्ती लगाकर ठसक से दफ्तर आते हैं। इसी तरह कई सत्ताधारी नेता भी अवैध रूप से लाल बत्ती व हूटर लगाकर वाहनों से चलते हैं। यातायात पुलिस ने परिवहन विभाग से मिली सूची के अनुसार अवैध रूप से नीली व लाल बत्ती लगाने वालों पर शिकंजा कसने की रणनीति बनाई है।

इन्हें है लाल व नीली बत्ती का अधिकार

नीली बत्ती : डीएम, एसपी, सीजेएम, डीएफओ, एडीएम, एआरटीओ, एसडीएम, तहसीलदार,एएसपी, सीओ, इंसपेक्टर, थानाध्यक्ष तथा मजिस्ट्रेट व प्रवर्तन का अधिकार रखने वाले सभी अधिकारी

लाल बत्ती : राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, हाईकोर्ट के जज, जिला जज, एडीजे, मंत्री, राज्यमंत्री, जिला पंचायत अध्यक्ष तथा मेयर आदि।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.