सांसदों के गांव बहेगी में सौहार्द की बयार
नवनीत मिश्र, बरेली सांसदों के गोद लिए गांव में विकास का हाल जो भी हो। उनकी बेहतरी के लिए एक योजना
नवनीत मिश्र, बरेली
सांसदों के गोद लिए गांव में विकास का हाल जो भी हो। उनकी बेहतरी के लिए एक योजना और जुड़ गई है। यानी अब विकास की कोशिश के साथ इन गांवों में सौहार्द का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। कोशिश के पीछे सरकार की मंशा है, मामूली झगड़े, फसाद, सांप्रदायिक कटुता रोकी जाए। कोर्ट-कचरी और थाने के चक्कर से ग्रामीण बचें।
अभियान के तहत, सांसदों के गोद लिए गांवों में सामाजिक एकजुटता का अभियान चलेगा। कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को संघे शक्ति की सार्थकता बताई जाएगी। यहां प्रयोग सफल रहा तो अन्य गांवों में भी यह योजना लागू होगी। दरअसल सांसद आदर्श ग्राम के लिए तैयार कार्ययोजना में सामाजिक एकजुटता के लिए माहौल तैयार करने का भी बिंदु शामिल किया गया है। केंद्र सरकार की मंशा है, गांवों में लोगों को गोष्ठियों, बैठक व अन्य माध्यमों से सामाजिक रूप से एकजुट होने का महत्व बताया जाए।
इसलिए एकजुटता की जरूरत
सरकार जानती है, गुटबाजी और विवाद के चलते गांव का अपेक्षित विकास नहीं हो पाता। लोग गुटों में बंटे रहते हैं तो आपसी लड़ाई-झगड़े रोज की बात हो जाते हैं। फिर थाने से लेकर कोर्ट -कचहरी में गांव के लोग फंस जाते हैं। इससे उनका सामाजिक और आर्थिक विकास ठप पड़ता ही है, गांव में भी कानून व्यवस्था की स्थिति खराब रहती है।
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केंद्र ने मांगी प्रोग्रामों की रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र जारी कर सभी जिलों में सांसदों के गांवों में ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की रिपोर्ट तलब की है। कहा कि जिन गांवों में सामाजिक एकजुटता के प्रोग्राम हुए हों, तो प्रोग्राम की वीडियोग्राफी, तस्वीर या फिर अखबारों में छपी खबरें भेजी जाएं।
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सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चुने गए गांवों में सामाजिक एकजुटता के लिए जागरूकता कार्यक्रम करने के निर्देश हैं। सभी जिलों को निर्देश जारी हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कार्यक्रमों की फोटो सहित रिपोर्ट मांगी है।
- नरेश बहादुर, स्टेट नोडल अफसर, सांसद आदर्श ग्राम योजना