मालभाड़े में तीन साल से चल रहा था गड़बड़ी का खेल
जागरण संवाददाता, बरेली : रेलवे मालभाड़े में तीन साल से गड़बड़ी का खेल चल रहा था। एनईआर-एनआर में लगभग 50
जागरण संवाददाता, बरेली : रेलवे मालभाड़े में तीन साल से गड़बड़ी का खेल चल रहा था। एनईआर-एनआर में लगभग 500 करोड़ रुपये का घोटाला होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसकी जानकारी स्थानीय अफसरों के साथ-साथ रेल मुख्यालय तक थी लेकिन इसके बाद भी रोकथाम के उपाय नहीं किए गए, जिसके चलते रेलवे के बड़े अफसरों पर भी गाज गिरना तय मानी जा रही है।
सीबीआइ की कार्रवाई से रेल अफसरों के साथ-साथ ओवरलोडिंग कर माल ढुलाई कराने वाले कारोबारियों में भी दहशत है। इसी कारण गुरुवार को पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) की चमरौआ और उत्तर रेलवे (एनआर) के चनेहटी जंक्शन पर सन्नाटा कायम रहा। रेलवे स्टेशनों के ईडब्ल्यूबी (इलेक्ट्रिक वेव ब्रिज) के सिस्टम में तीन साल पहले वर्ष 2012-13 में ऑपरेटरों ने छेड़छाड़ की थी। यह मालगाड़ी की इलेक्ट्रिक वेव ब्रिज से तुलाई करने वाले सभी स्टेशनों तक पहुंच गई। इन्हीं से ओवलोडिंग मालगाड़ी गुजार करोड़ों रुपये के घोटाले का खेल चल रहा था। इन मालगाड़ियों के वैगन्स का इलेक्ट्रिक वेव ब्रिज वास्तविक भार नहीं दिखा रहे थे। इससे रेलवे को देशभर में 4200 करोड़ रुपये के घोटाले का अनुमान है लेकिन इज्जतनगर की चमरौआ और मुरादाबाद रेल मंडल के चनेहटी जंक्शन पर लगभग 500 करोड़ रुपये का मालभाड़ा घोटाला होने की बात सामने आ रही है। सीबीआइ की दिल्ली टीम ने बुधवार को रामपुर की चमरौआ स्टेशन और चनेहटी जंक्शन के इलेक्ट्रिक वेव ब्रिज पर छापा मारा था। इसमें चमरौआ का इलेक्ट्रिक वेव ब्रिज सीज किया। वहीं चनेहटी पर तौल बंद करा दी थी। इसके बाद टीम जब्त अभिलेखों की जांच में जुटी है। इसमें कुछ बड़े घोटाले खुलने की उम्मीद जताई जा रही है।
-फिर रेलवे को बड़ा नुकसान
सीबीआइ ने मालभाड़े में बड़ा घोटाला पकड़ लिया है लेकिन इसके बाद इलेक्ट्रिक वेव ब्रिज सीज कर दिया है। फिर तौल बंद कर दी गई। इसलिए स्टेशनों से गुजरने वाली मालगाड़ी बिना तौल के गुजर रहीं हैं। इससे भी रेलवे ओवरलोडिंग वैगन्स को पकड़ नहीं पा रहा है। जिसके चलते रेलवे को प्रतिदिन करोड़ों रुपये का बड़ा नुकसान होने की आशंका है।