अब 'स्वयं की समझें' बीएड के छात्र
जागरण संवाददाता, बरेली : बच्चों को पढ़ाने से पहले खुद को समझें, इसलिए बीएड के नए सिलेबस में स्वयं को
जागरण संवाददाता, बरेली : बच्चों को पढ़ाने से पहले खुद को समझें, इसलिए बीएड के नए सिलेबस में स्वयं को समझें विषय शामिल किया गया है। एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) के निर्देश पर तैयार किए जा रहे सिलेबस में 'स्वयं की समझ' नाम का प्रश्नपत्र जोड़ा है।
अब दो साल का बीएड हो गया। इसके लिए रुहेलखंड विश्वविद्यालय के बीएड विभाग ने नए सिलेबस का खाका तैयार किया है। सिलेबस तैयार करने को लेकर शनिवार को बैठक बुलाई गई है। दरअसल अबतक बीएड के विद्यार्थियों को दार्शनिक, सामाजिक व मनोविज्ञान, टीचर एजुकेशन इन एमर्जिग इंडिया, साइक्लोलॉजी ऑफ एजुकेशन, एजुकेशन टीचिंग, इवेल्युएशन एंड मैनेजमेंट और मैथड ऑफ एजुकेशन को पढ़ाया जाता था। अब दो साल को कोर्स होने पर एनहांसिंग प्रोफेशन कैपेसिटी, ड्रामा एंड आर्ट इन एजुकेशन, सूचना एंव प्रोद्यौगिकी की समझ, रीडिंग एंड रिफलेक्शन ऑन टेक्स्ट और स्वयं की समझ विषयों को जोड़ा गया है।
क्या होगी पढ़ाई
स्वयं की समझ में जहां खुद के को समझने के बारे में पढ़ाया जाएगा वहीं ड्रामा एंड आर्ट इन एजुकेशन के तहत बीएड छात्रों को पढ़ाया जाएगा कि जन चेतना और शिक्षा के लिए प्रचार प्रसार के लिए इनका कैसे प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा जेंडर स्कूल एंड सोसाइटी को भी सिलेबस में जोड़ा गया है जिसके तहत लिंग भेद की बारीकियों के बारे में बताया जाएगा ताकि स्कूल में बच्चों को अच्छा माहौल देने में मदद मिल सके। सिलेबस का खाका तैयार करने में विभाग के शिक्षक जुट गए हैं। शनिवार को बैठक बुलाई गई है।
कॉलेजों का सिलेबस होगा अलग
विश्वविद्यालय का बीएड विभाग जो सिलेबस तैयार करेगा वो केवल कैंपस में ही लागू होगा। कॉलेज में संचालित होने वाले बीएड कोर्स का सिलेबस अलग बोर्ड ऑफ स्टडीज तैयार करेगी। उनके सिलेबस में इन विषयों का समावेश तो होगा लेकिन विषय के तहत पढ़ाई जाने वाली सामग्री अलग हो सकती है।
16 में तीन शिक्षक होंगे स्पेशल
एनसीटीई के नए नियम के तहत पचास-पचास की दो यूनिट के लिए 16 शिक्षकों में तीन स्पेशल शिक्षक होने से कॉलेजों की चिंता बढ़ गई है। संगीत का एक, फिजिकल एजुकेशन का एक और एक शिक्षक परफार्मिग आर्ट का होगा। इसके लिए शैक्षिक योग्यता भी एमपीएड तय की गई है। इन शिक्षकों की संख्या बेहद कम है।
- कुछ अच्छे विषय नए सिलेबस में शामिल किए गए हैं। उनके तहत किन-किन बिंदुओं को पढ़ाना है इसको लेकर शनिवार को बैठक बुलाई है। सिलेबस में सबसे अच्छी बात है कि एक विषय खुद की समझ से जुड़ा हुआ है।
- डॉ. एनएन पांडेय, विभागाध्यक्ष बीएड विभाग रुविवि