पुरानी बसों पर लगेगा लोहिया सेवा का लेबल
जागरण संवाददाता, बरेली : योजना नई है लेकिन बसें पुरानी इस्तेमाल होंगी। पुरानी बोतल में नई शराब की तर
जागरण संवाददाता, बरेली : योजना नई है लेकिन बसें पुरानी इस्तेमाल होंगी। पुरानी बोतल में नई शराब की तरह। नई बसें नहीं मिलीं तो रोडवेज के आला अफसरों ने पुरानी बसों पर लोहिया ग्रामीण सेवा का लेबल चस्पा करने का आदेश जारी कर दिया, जिस पर अमल भी शुरु हो गया है।
शहर से गांव-कस्बों का सफर आसान करने के लिए सरकार ने लोहिया ग्रामीण बस सेवा योजना शुरू की है। इसके तहत बरेली को नई बस मिलना थीं लेकिन ऐसा हो नहीं सका। मंडल में महज बदायूं को ही पांच बस मिलीं, जिन्हें आंवला इत्यादि रूट पर चलाया जा रहा है। जिले में अन्य रूट चलाने के लिए नई बस आने के बजाय रोडवेज के प्रबंध निदेशक का फरमान आ गया है। क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश जारी किए हैं कि साधारण बसें लोहिया सेवा में बदल ली जाएं। इनको शहर मुख्यालय से तहसील, कस्बों-गांवों तक चलाया जाएगा। आदेश आने के बाद रोडवेज की स्थानीय कार्यशालाओं में बसों को परिवर्तित करने का काम शुरू हो चुका है। बता दें कि लोहिया ग्रामीण बसों का किराया साधारण बसों से 25 फीसद कम है। इससे ग्रामीण यात्री सस्ते किराए में सहूलियत भरा सफर कर सकेंगे।
करना होगा काफी बदलाव
लोहिया ग्रामीण बस सेवा खासतौर से ग्रामीणों के लिहाज से तैयार की जाएंगी। किसान बसों में दूध की कैन टांग सकेंगे, तो वहीं फल, सब्जी या अनाज के बोरे रखने की भी व्यवस्था होगी। इससे किसान खेतों में तैयार फसलों को शहर तक आसानी से ला सकेंगे। उन्हें फसल का उचित दाम मिलेगा।
- साधारण बसों को लोहिया ग्रामीण बस सेवा में बदलने के निर्देश मिले हैं। इसके लिए प्रथम चरण में 20 बस बदली जा रही हैं। साथ ही ग्रामीण रूट भी तय किए जा रहे हैं।
- एसके शर्मा, आरएम, रोडवेज