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साल में तीन बार होगा बच्चों का विषयवार आंतरिक मूल्यांकन

जागरण संवाददाता, बरेली : बेसिक स्कूलों में बच्चों के मानसिक स्तर मापने और शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने क

By Edited By: Published: Thu, 26 Mar 2015 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2015 01:01 AM (IST)
साल में तीन बार होगा बच्चों का विषयवार आंतरिक मूल्यांकन

जागरण संवाददाता, बरेली : बेसिक स्कूलों में बच्चों के मानसिक स्तर मापने और शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए अब विभाग साल में तीन बार बच्चों का विषयवार आंतरिक मूल्यांकन कराएगा। अगर लगातार बच्चों की स्थिति ठीक नहीं पाई गई तो इसका जिम्मेदार हेड मास्टर को माना जाएगा। शासन ने पहली बार आंतरिक मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की है ताकि स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता का स्तर सुधारा जा सके।

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अब तक परीक्षाओं के जरिए ही बच्चों का मूल्यांकन किया जाता है। साल में दो बार परीक्षाएं तो कराई जाती हैं लेकिन प्रत्येक बच्चे के विकास को लेकर विभाग के पास कोई योजना नहीं हैं। अब आंतरिक मूल्यांकन से अब प्रत्येक बच्चे की अलग-अलग स्थिति सामने आ सकेगी। पहला मूल्यांकन जुलाई से अक्टूबर, दूसरा नवंबर से जनवरी और तीसरा मूल्यांकन फरवरी से मई तक होगा। इसके लिए विभाग ने बजट की भी व्यवस्था की है। प्रत्येक छात्र का अगल प्रोफाइल तैयार होगा जिसमें अभिभावक समेत बच्चे का पूरा ब्योरा फोटो के साथ होगा। इसके अगला तीनो बार विषय बार बच्चे का मूल्यांकन होगा जैसे हिंदी, अंग्रेजी, गणित में बच्चे की स्थिति क्या है। इसके साथ ही खेल कूद या शारीरिक अक्षमता है तो उसको भी बच्चे के प्रोफाइल में दर्शाया जाएगा। साल की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। असिस्टेंट एकाउंट ऑफिसर विजय कुमार सिंह के अनुसार आंतरिक मूल्यांकन के लिए इस बार बजट का प्रावधान किया गया है। पूरे साल में तीन बार छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन कराया जाएगा।


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