आमजन तक पहुंचे लैब का ज्ञान
जागरण संवाददाता, बरेली : बरेली कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार 'इनवायरमेंटल इशूज फॉर सोसो-इकोलॉजी
जागरण संवाददाता, बरेली : बरेली कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार 'इनवायरमेंटल इशूज फॉर सोसो-इकोलॉजीकल डेवलपमेंट' में वक्ताओं ने भारत में होने वाले शोध की गुणवत्ता और देश के विकास में विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीटयूट देहरादून के वैज्ञानिक प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि देश में बुलेट ट्रेन चलाकर देश की आधारभूत समस्याओं का समाधान नहीं किया जा सकता। त्योहार के मौके पर आज भी ट्रेनों में जगह नहीं मिलती। आज जरूरत आधारभूत सुविधाएं बढ़ाने की है। यह विज्ञान के विकास के साथ ही संभव हो सकता है। नवीन तकनीक इस समस्या का समाधान हैं। उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से छात्राओं का पर्यावरण में होने वाले बदलाव के बारे में बताया। डीआइजी आरकेएस राठौर ने कहा कि आज बेहद जरूरी हो गया कि हर व्यक्ति पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी महसूस करे। एक पेड़ कांटे तो उसकी जगह कम से कम एक पौधा जरूर लगाएं। विवि के प्रो-वीसी प्रोफेसर वीपी सिंह ने कहा कि शोध को प्रयोगशालाओं से निकालकर जन जीवन तक ले जाना होगा। बरेली कॉलेज में पूर्व चीफ प्रॉक्टर डॉ. जोगा सिंह ने बरेली कॉलेज के इतिहास पर प्रकाश डाला। प्राचार्य डॉ. सोमेश यादव ने कहा कि अत्याधिक प्रकृति का दोहन पर्यावरण असंतुलन का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। इस मौके पर बरेली कॉलेज में प्राचार्य डॉ. सोमेश यादव और डॉ. राजेंद्र सिंह की पुस्तक सामाजिक और पारिस्थितिक विकास में पर्यावरणीय मुद्दे का विमोचन किया। इस मौके पर डॉ. शालिनी सक्सेना, डॉ. बीनम सक्सेना, डॉ. सीमा, डॉ. संगीता,डॉ. डीके गुप्ता, डॉ. अलोक खरे, डॉ. आभा अग्रवाल , डॉ. सुनीता शर्मा, डॉ. बीना यादव और डॉ अनीता आदि लोग मौजूद रहे।