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निजीकरण से बढ़ा बिजली घाटा

जागरण संवाददाता, बरेली: बिजली विभाग के निजीकरण के अनुभव अच्छे नहीं है। बजाज ¨हदुस्तान और रिलायंस सूब

By Edited By: Published: Tue, 27 Jan 2015 06:14 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jan 2015 06:14 PM (IST)
निजीकरण से बढ़ा बिजली घाटा

जागरण संवाददाता, बरेली: बिजली विभाग के निजीकरण के अनुभव अच्छे नहीं है। बजाज ¨हदुस्तान और रिलायंस सूबे को महंगी बिजली दे रही हैं। आगरा में टोरेंट पावर को 3.02 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली दे रहे हैं, जबकि औसत लागत 5.57 रुपये प्रति यूनिट है, जिससे घाटा बढ़ रहा है। ये बातें उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के प्रदेश अध्यक्ष आरके सिंह ने हाइडिल गेस्ट हाउस में कही।

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उन्होंने कहा कि वर्तमान में मांग 12 से 13500 मेगावाट है, जबकि उत्पादन 10500 मेगावाट है। अगले तीन वर्ष 2017 तक मांग 23107 होगी, जबकि उत्पादन सब मिलाकर 18500 मेगावाट होगा, इसलिए जरूरी है कि सरकार उत्पादन निगम के सहयोग से परियोजनाएं स्थापित करे। इसके लिए जरूरी है कि उत्पादन निगम में नए पदों का सृजन कर नई भर्तियां की जाए। सूबे में तीस फीसद बिजली चोरी होती है, जिसे रोकने के लिए सूबे में मुख्यमंत्री के निर्देश पर अभियान चल रहा है। यह तभी सफल होगा, जब चेकिंग टीम को स्थायी सुरक्षा मिले और हमलावरों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई हो, जिससे अन्य लोग भी सबक ले सकें। इस दौरान चीफ इंजीनियर एनसी अग्रवाल, एसई ग्रामीण एचपी गुप्ता, वीके चंदोकर, संजीव कुमार गुप्ता, रणजीत चौधरी आदि मौजूद रहे।


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