खानकाह के जुलूस में उमड़ा हुजूम
जागरण संवाददाता, बरेली: खानकाह नियाजिया से अलम, जरीह और ताजिये का कदीमी जुलूस शाम के वक्त निकाला गया
जागरण संवाददाता, बरेली: खानकाह नियाजिया से अलम, जरीह और ताजिये का कदीमी जुलूस शाम के वक्त निकाला गया। इस मौके पर खानकाह में भारी भीड़ दिखाई दी। सज्जादानशीन शाह हसनी मियां ने ताजियेदारों को नजराना पेश करने के बाद जुलूस को रवाना किया।
हजरत इमाम हुसैन की याद में निकाला गया जुलूस कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, गुलाब राय इंटर कालेज होता हुआ गढ़ी पहुंचा। रात में वहीं कयाम किया। शनिवार की सुबह में फिर से रवाना होगा। जुलूस की कयादत खानकाह नियाजिया के प्रबंधक शब्बू मियां नियाजी ने की। इसमें सभी नंगे पैर शामिल हुए। नोहाख्वानी से नवासा-ए-रसूल और आपके जांनिसार साथियों को खिराजे अकीदत पेश किया। रास्तों पर जुलूस का जगह-जगह खैरमकदम हुआ। सुरक्षा के मद्देनजर भारी सुरक्षाबल साथ रहा।
इमामबाड़ों में मजलिस का दौर
बरेली: छह मुहर्रम हजरत इमाम हुसैन के छह माह के बेटे हजरत अली असगर की शहादत से मंसूब है। इसी शहादत को याद करते हुए दिनभर मजलिस का दौर चला। गढ़ैया के इमामबाड़ा मुहम्मद शाह में मजलिस को खिताब करते हुए सेंथल से तशरीफ लाए मौलाना कासिम जैदी ने मैदाने कर्बला को इंसानियत की दर्सगाह करार दिया। कहा कि नवासा-ए-रसूल ने 72 साथियों के साथ शहादत देकर जालिम के सिर को हमेशा के लिए झुका दिया। मजलिस के बाद अंजुमन गुलदस्ता-ए-हैदरी की तरफ से नोहाख्वानी की गई। समर अब्बास जैदी, कसीम रजा, फरीद रजा, फरीद रजा, महमूद हसन, नाजिम हुसैन, गुलरेज जैदी, अजीज मियां इत्यादि ने हिस्सा लिया। इमामबाड़ा हकीम आगा साहब से मन्नती अलम बरामद हुआ। शनिवार को मेंहदी का पहला जुलूस मुहल्ला गढ़ैया के इमामबाड़ा गुलाम मुहम्मद आब्दी से शुरु होगा।
चार दिनी लंगर का आगाज
बरेली: दरगाह आलिया मुहम्मदिया कदीरिया (दरगाह वली मियां) पर मुहर्रम के सिलसिले से चार दिनी लंगर का आगाज हुआ। मीडिया प्रभारी सैयद नाजिम अली ने बताया कि रातभर दाल और रोटी बनती है और फज्र की नमाज से जुहर तक तकसीम की जाती है। यह सिलसिला यौम-ए-आशूरा तक जारी रहेगा।