रेल चक्का जाम पर फैसला 18 और 19 को
जागरण संवाददाता, बरेली: भारतीय रेल को अफसर-कर्मचारियों ने खून-पसीने से सीचा है मगर सियासी लोग रेलवे
जागरण संवाददाता, बरेली: भारतीय रेल को अफसर-कर्मचारियों ने खून-पसीने से सीचा है मगर सियासी लोग रेलवे को बर्बाद करने में जुटे हैं। इसी साजिश का बड़ा हिस्सा एफडीआइ है। यह बात एनई मजदूर यूनियन के जोनल अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी ने मंगलवार को बैठक में कही। इज्जतनगर रेल मंडल कार्यालय पर जोनल अध्यक्ष ने कर्मचारियों से रेल चक्का जाम को तैयार रहने का आह्वान किया।
वह बोले, रेलवे में एफडीआइ किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं होगी। विरोध में जल्द हड़ताल का एलान किया जाएगा। यह एलान ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के 91वें वार्षिक अधिवेशन में होगा। कर्नाटक के हुबली में 18, 19 और 20 नवंबर को एआइआरएफ के राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा रेल चक्का जाम की तिथि घोषित करेंगे। इससे पहले ही कर्मचारियों को तैयारी में जुटना होगा। एनई मजदूर यूनियन के मंडल अध्यक्ष मुकेश सक्सेना ने रेल कर्मियों की तमाम समस्याओं को रखा। वह बोले, यात्री किराया और मालभाड़े में वृद्धि कर रेलवे को बड़े नुकसान से बचाया जा सकता है। डीजल से लेकर सब्जी-खाद्य पदार्थ महंगे हो रहे हैं मगर किराए में कोई इजाफा नहीं किया जा रहा है। इसी कारण डेढ़ सदी तक भारत में बेहतरीन सफर कराने वाली रेल संकट से गुजर रही है। इस मौके पर एके सिंह, मनोज कुमार, रहीस कुमार समेत तमाम लोग मौजूद रहे।