खामोशी से लिखी गई क्रांति की इबारत
दैनिक जागरण, बरेली। इतिहास गवाह है कि बदलाव की इबारत क्रांतियों से ही लिखी जाती रही है। जिसने लोगों
दैनिक जागरण, बरेली। इतिहास गवाह है कि बदलाव की इबारत क्रांतियों से ही लिखी जाती रही है। जिसने लोगों की सोच बदल कर सत्ता में भी बदलाव किया। लेकिन बरेली में ऐसा कुछ नहीं हुआ। बगैर शोर शराबा और क्रांति, यहां खामोशी से कर्तव्य निभाने की पटकथा लिखी गई। जो महज 19 दिनों में व्यापक जनसमर्थन से आंदोलन में तब्दील हुई। नतीजा बरेली में 11.5 लाख लोगों के स्मार्ट सिटीजन की शपथ लेने के फैसले के रूप में आया।
मंगलवार की सुबह अन्य दिनों की ही तरह थी। लेकिन इसे इस्लामियां मैदान में स्मार्ट सिटीजन के रूप में जुटते जोश ने खास बना दिया। यह जोश जब सैलाब बन कर यहां से गवर्नमेंट इंटर कालेज की ओर निकला तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि यह अलसाये शहर के अंगड़ाई लेने से पहले नया इतिहास लिख देगा। हाथ में जागरुकता संदेश लिखे बैनर लिए लयबद्ध युवाओं ने हर शख्स का ध्यान खींचा और स्मार्ट सिटीजन बनने को प्रेरित किया। एक साथ दस हजार युवाओं ने मुट्ठियां भींच कर मंडलायुक्त के सामने कर्तव्य पालन की शपथ ले शहर को भी स्मार्ट बनाने की पहल की। यह युवाओं की ताकत ही थी कि जिसकी बदौलत नई इबारत लिखी गई और जिला नया इतिहास रचने की ओर आगे बढ़ा। 12 सितंबर को दैनिक जागरण की स्थापना दिवस से खामोशी से शुरू इस मुहिम ने 19 दिन में ही एक नई ऊंचाई कायम की और एक ही दिन में जिले में 11.5 लाख लोग इससे जुड़े और अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाने की शपथ ली।