नया नहीं वर्षो पुराना है फर्जी रसीद बुक का खेल
जागरण संवाददाता, बरेली: बिजली विभाग में फर्जी रसीद बुक का मामला नया नहीं है। यह खेल विभाग में वर्षो से चल रहा है। इससे पहले यह मामला वर्ष 2000 से पहले भी सामने आ चुका है। उस समय भी विभाग में काफी हड़कंप मचा था। अधिकारियों ने तत्काल समिति गठित कर जांच शुरू करा दी थी। इसमें कुछ विभाग के ही लोगों के नाम सामने आए। इसके बाद यह जांच अपने मकसद से भटक गई, क्योंकि जांच अधिकारी की हत्या हो गई।
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद मुकदमा लंबे समय चला। हत्या में विभाग के ही एक दो कर्मचारियों के नाम उछले। मामला फर्जी रसीद बुक की जांच से भटककर हत्या की जांच में उलझकर रह गया। यही कारण है कि इस बार अधिकारी इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं। वह लगातार उपभोक्ताओं के सामने आने और रिपोर्ट दर्ज कराने का इंतजार कर रहे हैं। फिर अभी तक इसमें विभाग के एक बाबू पर शक की सुई घूम रही हैं, लेकिन उसके खिलाफ भी कोई पुख्ता सुबूत नहीं है। सिवाय इसके कि जिस सीरियल नंबर की रसीद बुक से उपभोक्ताओं को ठगा गया है। वह उसी बाबू को जारी की गई। फिर भी अधिकारियों ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्हें ऐसे और उपभोक्ताओं के सामने आने की उम्मीद है, जिन्हें जालसाजों ने ठगा है। इसके बाद ही वह जांच को मुकम्मल दिशा दे सकेंगे।