अफसर का बेटा रंगदारी मांगने में गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, बरेली: साथियों संग एक प्रोविजन स्टोर संचालक से रंगदारी मांगने पहुंचे बाल विकास परियोजना अधिकारी के बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि उसके साथी भागने में सफल रहे। पुलिस ने उस प्राइवेट कार को भी कब्जे में लिया है, जिसमें आरोपी व उसके दोस्त सवार थे। प्राइवेट कार में नीली बत्ती के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार की प्लेट भी लगी थी। पुलिस ने जब कार की तलाशी ली तो उससे तलवार, हॉकी व रॉड बरामद हुई।
क्रिस्टल कॉलोनी निवासी मोहित खंडेलवाल की ग्रेटर ग्रीन पार्क में डेली नीड्स के नाम से दुकान है। मोहित ने बताया कि इलाके में ही बिजनौर में तैनात बाल विकास परियोजना अधिकारी शशि बाला राठौर अपने परिवार के साथ रहती हैं। उनका बेटा अक्षय एक आयुर्वेदिक कंपनी में ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत है। मोहित का आरोप है कि अक्षय हर हफ्ते आकर 10 हजार रुपयों की मांग करता था। जब वह देने से मना करता था, तो अक्षय उसके साथ मारपीट करता था। इतना ही नहीं वह एक दिन के ब्याज के रूप में एक हजार रुपये चार्ज भी करता था। मोहित का यह भी कहना है कि अक्षय अक्सर उसकी दुकान से घरेलू सामान भी ले जाता था और भुगतान नहीं करता था। अभी तक अक्षय के ऊपर 25 हजार रुपये बकाया भी हो चुके हैं। जब वह उधारी मांगता तब भी अक्षय उसको पीटता। मोहित के अनुसार, इस हफ्ते अक्षय ने उससे रंगदारी के रूप में 16 हजार रुपये मांगे थे और बुधवार सुबह तक का समय दिया था, लेकिन वह रुपयों का इंतजाम नहीं कर सका। मोहित ने बताया कि बुधवार सुबह अक्षय अपने तीन साथियों के साथ कार से दुकान पर आया। इसके बाद अक्षय उसके पास आया और रंगदारी मांगी। जब मोहित ने देने में असमर्थता जताई तो अक्षय ने उसे पीट दिया। इसी दौरान वहां मौजूद व्यापारियों ने अक्षय व उसके साथियों को घेर लिया और पुलिस को सूचना दे दी। जब तक पुलिस आती, अक्षय के दोनों साथी भाग गए। मौके पर आई पुलिस ने अक्षय को गिरफ्तार कर लिया और कार भी कब्जे में ले ली। कार के शीशों पर काली फिल्म भी चढ़ी हुई थी। सूचना मिलते ही अक्षय की मां शशि व अन्य लोग भी थाने पहुंच गए। उधर थाने में जब कार की तलाशी ली गई तो उससे तलवार, हॉकी व रॉड मिली। थाने में दोनों पक्षों के बीच जमकर कहासुनी भी हुई। इसके बाद मोहित ने अक्षय व उसके दो अज्ञात साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है।
व्यापारी पहले से ही थे तैयार
मोहित ने बताया कि जब अक्षय लगातार रंगदारी मांगने लगा तो उसने अपने एक रिश्तेदार सोनू को इस बारे में बताया। सोनू व्यापार मंडल में एक उच्च पद पर है। अक्षय को रंगे हाथ पकड़ने के लिए ही व्यापारी पहले से ही दुकान के आसपास खड़े थे। जैसे ही अक्षय आया, उसे पकड़ लिया गया।
मेरे बेटे को फंसाया गया
बाल विकास परियोजना अधिकारी शशि का कहना है कि उनका बेटा बेकसूर है। उसे फंसाया गया है। मोहित की दुकान से उनके घर में सामान आता जरूर था, लेकिन वह तुरंत भुगतान भी करा देती थीं। मोहित व उसका भाई अक्षय से लगातार मदद के नाम पर रुपये मांगते थे। एक महीने पहले ही मोहित ने अक्षय से 16 हजार रुपये लिए थे। मोहित को 16 सितंबर तक इस रकम का भुगतान करना था लेकिन उसने नहीं दिए। बुधवार सुबह अक्षय अपनी कंपनी के एमडी के साथ गोल्डन ग्रीन पार्क स्थित मंदिर में भगवान विश्वकर्मा की आयोजित पूजा में शिरकत करने गया था,जबकि कार में मिली तलवार को पूजा के लिए ले जाया गया था न कि किसी पर हमला करने के लिए। मोहित ने अक्षय को इसलिए फंसाया है ताकि उसे 16 हजार रुपये न देने पड़ें। आरोपी पक्ष की ओर से भी पीड़ित पक्ष के खिलाफ तहरीर दी गई है।
वर्जन----
आरोपी के खिलाफ रंगदारी मांगने व प्राइवेट गाड़ी में नीली बत्ती व उत्तर प्रदेश सरकार संबंधी बोर्ड लगाने संबंधी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी पक्ष से मिली तहरीर की भी जांच की जा रही है।
-आरके सिंह, बारादरी इंस्पेक्टर