नहीं मिली कहीं से चांद की शहादत
जागरण संवाददाता, बरेली: ईद बाद कजा रोजे को लेकर छिड़ी बहस के बीच जिलेभर में रविवार को चांद देखने की कोशिश की गई। किसी भी हिस्से से चांद दिखाई देने की इत्तला नहीं मिली है। उसके लिए अभी रोयते हिलाल कमेटी मध्यरात्रि तक इंतजार करेगी। माना जा रहा है कि ईद मंगलवार या फिर बुधवार को हो सकती है।
जानशीन मुफ्ती आजम हिंद मुफ्ती अख्तर रजा खां अजहरी मियां की अगुवाई वाले मरकजी दारुल इफ्ता की रोयते हिलाल कमेटी के आह्वान पर ईद का चांद देखने के प्रयास किए गए। कहीं से कोई इत्तला नहीं मिली। कहीं भी चांद नजर नहीं आ सका। इस तरह अब सोमवार को रोजा रखा जाएगा। उसके बाद शाम में एक बार फिर से चांद देखने की कोशिश होगी। अगर चांद दिखता है तो ठीक वरना फिर तीस रोजे पूरे होने पर बुधवार को ईद मनाई जाएगी। बता दें कि मदीने में अफ्रीका के मलावी में रहने वाले मुहम्मद तौफीक उमर की शहादत पर अजहरी मियां ने 29 शाबान को चांद दिखने की बात मानते हुए ईद बाद एक कजा रोजे का आह्वान किया था। इस हिसाब से माना जा रहा था कि रविवार को ईद का चांद दिख सकता है।
मदारी नहीं रखेंगे कजा रोजा
अफ्रीका से मिली शहादत पर उठाए सवाल
बरेली: तहफ्फुज-ए-मदारियत काउंसिल ने ठिरिया निजावत खां में ईद के चांद को लेकर बैठक की। राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद इंतखाब आलम ने कहा कि हिंदुस्तान के सुन्नी मदारी मुसलमान किसी के बहकावे में नहीं आएं। चांद दिखने पर ही ईद मनाएं। कजा रोजा रखने का कोई मतलब नहीं है। सवाल उठाया कि क्या अफ्रीका की तरह ही मक्का और मदीना की शहादत भी कुबूल की जाएगी। वहां एक दिन पहले रमजान और एक दिन पहले ही ईद मनाई जाती है। बैठक में हाजी ताहिर अली खां, रफत मदार, हसनैन अंसारी, शफीक खां, हाजी इकबाल इत्यादि मौजूद रहे।
इस्लामिया में ईद मेला
बरेली: ईद पर इस्लामिया इंटर कालेज मैदान में तीन दिनी मेले का आयोजन किया जाएगा। मेला कमेटी के मीडिया प्रभारी वसी अहमद वारसी ने बताया कि मेला सुबह 10 बजे से शुरु होकर रात 12 बजे तक जारी रहेगा।