चुनावी खुमारी में अटका विकास
जागरण संवाददाता, बरेली: चुनाव बीत गया, लेकिन उसकी खुमारी से अब तक अफसर नहीं उबर पाए। इस खुमारी के चलते ही जिले में सड़कों के निर्माण कार्य बेहद धीमे हो गए हैं। अधिकारी चुनाव की थकान उतारने के चक्कर में सड़कों पर ध्यान नहीं दे रहे, जिससे काम पिछड़ता जा रहा है। कई ऐसी योजनाएं है जिन पर काम चल रहा है, लेकिन कार्य गति नहीं पा रहा।
जिले में सुगम यातायात के लिए कुछ माह पहले कई सड़कों के प्रोजेक्ट शुरू किए गए थे। इन योजनाओं के लिए शासन की ओर से भरपूर धनराशि भी जारी की गई। कई प्रोजेक्ट मार्च तक पूरा करने के दावे भी अधिकारियों ने किए थे। पहले खराब मौसम और फिर चुनाव में अधिकारी लग गए। इस कारण कोई भी योजना अपने निर्धारित समय पर पूरी नहीं हो सकी है। चुनाव खत्म होने के बाद भी अधिकारियों की खुमारी दूर नहीं हुई है। अधिकारी अब भी चुनाव की थकान उतार रहे हैं। इस कारण सड़क निर्माण के कार्यो में गति नहीं मिल रही है। मसलन, बड़ा बाईपास का काम मार्च तक पूरा होने का दावा था। नैनीताल फोरलेन की एक साइड पूरी करने का दावा था। अब तक दोनों ही दावे हवाई साबित हुए हैं। वहीं, चौपुला-शहामतगंज फोरलेन, रिछा-जहानाबाद मार्ग, शाही-शेरगढ़, सौ फुटा समेत अन्य मार्गो का काम धीमा चल रहा है।
प्रोजेक्ट एक नजर
नैनीताल रोड फोरलेन
लंबाई - 54 किमी
लागत - 354 करोड़
अवधि - सितंबर 2015
काम - तीस प्रतिशत
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चौपुला-शहामतगंज मार्ग
लंबाई - दो किमी
लागत - 5.39 करोड़
अवधि - 18 माह
काम - 40 प्रतिशत
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आंवला-बिसौली मार्ग
लंबाई - 8.5 किमी
लागत - दस करोड़
अवधि - 12 माह
काम - 35 प्रतिशत
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रिछा-जहानाबाद चौड़ीकरण
लंबाई - 14.4 किमी
लागत - 22.41 करोड़
अवधि - सितंबर 2015
काम - चार किमी चौड़ीकरण
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शाही-शेरगढ़ मार्ग (पैचवर्क)
लंबाई - 14.5 किमी
लागत - 1.13 करोड़
अवधि - अप्रैल 2014
काम - 60 प्रतिशत
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सौ फुटा रोड
लंबाई - 1.8 किमी
लागत - 10.08 करोड़
अवधि - डेढ़ साल
काम - पांच प्रतिशत
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बड़ा बाईपास निर्माण
लंबाई - तीस किमी
लागत - साढ़े तीन सौ करोड़
अवधि - मार्च 2014
काम - सत्तर प्रतिशत