Move to Jagran APP

निस्वार्थ भाव से करे प्रभु की आराधना

By Edited By: Published: Tue, 22 Apr 2014 08:27 PM (IST)Updated: Tue, 22 Apr 2014 08:27 PM (IST)
निस्वार्थ भाव से करे प्रभु की आराधना

बरेली: निस्वार्थ भाव से उपासना करने वाले भक्तों पर प्रभु की कृपा स्वत: बरसती है। प्रभु भक्ति के लिए उम्र की भी बंदिश नहीं है, इसलिए जब भी अवसर मिले। हमें निस्वार्थ भाव से प्रभु की आराधना करनी चाहिए। यह उद्गार बाल कथाव्यास शुक नारायन ब्रह्माचारी ने सुभाष नगर स्थित महाराणा प्रताप भवन में चल रही कथा में व्यक्त किए।

loksabha election banner

इसका आयोजन श्री सीताराम सत्संग प्रचार मंडल के 41वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर किया जा रहा है। बाल व्यास ने भक्तों को यह बात भक्त प्रह्लाद के प्रसंग से समझाई, जिन्होंने अपनी भक्ति से प्रभु का प्रसन्न कर बाल्य काल में ही उनकी कृपा प्राप्त की। अंत में आरती कर भक्तों में प्रसाद वितरण हुआ। इसमें परमानंद महाराज, नागेन्द्र सक्सेना, अशोक कुमार अग्रवाल, दया पांडेय, राजेश्वरी सिंह, राहुल मिश्रा, रजनी सक्सेना आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.