मौत ने छोड़े सवाल, चीखें मांग रही जवाब
जागरण संवाददाता, बरेली। शहर एक ओर जहां लोकतंत्र पर्व का उत्सव मना रहा था तो वहीं दूसरी ओर हरि सिंह की मौत पर उसकी पत्नी तारावती अस्पताल में मातम। वोट डालने का सपना पूरा न होने पर हरि सिंह ने अपनी जिंदगी से नाता तोड़ लिया। अफसरान उसकी मौत की वजह भले ही उसका घरेलू विवाद व आर्थिक स्थिति बता रहे हों, लेकिन मौजूदा हालात और उसके अपनों के आंसू कुछ और ही कहानी बयां कर रहे थे। अफसरान और ग्रामीणों की माने तो दंपति के बीच विवाद ही उसकी मौत की वजह है और इससे परेशान होकर ही वह जयपुर चला गया था। पत्नी ने बताया कि घर की माली हालत बहुत खराब है, जिसके कारण ही हरी जयपुर गए थे। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर वह घरेलू विवाद से परेशान था तो उसने मतदान केंद्र पर ही क्यों आत्मदाह किया। वह कभी भी कहीं भी आत्मघाती कदम उठा सकता था। इसका जवाब अफसरान और ग्रामीणों के पास नहीं है। हरि सिंह की मौत ऐसे कई सवाल पीछे छोड़ गई है। उसकी पत्नी की चीखें यह सवाल पूछ रही थी कि वोटर कार्ड होने के बाद भी आखिर उन्हें वोट देने से रोका क्यों गया। अस्पताल में विलाप करते हुए पत्नी ने बताया कि हरि सिंह एक पार्टी को वोट करने जा रहे थे, जिसे गांव के ही कुछ लोग रोक रहे थे।
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चौथी बार नहीं लौटे
पत्नी ने बताया कि वोट डालने को लेकर हरि सिंह काफी उत्साहित थे और सुबह सात बजे ही तैयार होकर बूथ चले गए थे। लेकिन कुछ देर बाद वह मायूस होकर वापस लौट आए। पूछने पर बताया वोट नहीं डालने दिया गया। बताया कि वह तीन बार बूथ तक गए और तीनों पर उन्हें वापस लौटा दिया गया। चौथी बार गए तो वापस नहीं लौटे।
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सवाल बाकी
आखिर वो लोग कौन हैं, जो हरी सिंह को वोट देने से रोक रहे थे
पत्नी बोली पति पर एक पार्टी विशेष को वोट देने का दवाब डाला जा रहा था
इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद पुलिस ने जांच पड़ताल क्यों नहीं शुरू की
पुलिस को कोई भी बयान देने से क्यों मुकर गए प्रत्यक्षदर्शी
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