आग का गोला बनी 'जिंदगी', ताकते रहे तमाशबीन
जागरण संवाददाता, बरेली : समय सुबह का साढ़े नौ बजे। स्थान देवचरा का राम भरोसे इंटर कॉलेज पोलिंग स्टेशन और वोट डालने के लिए लगी मतदाताओं की लंबी लाइन। इसी बीच मतदान केंद्र गेट पर हरी सिंह हाथ में केरोसिन से भरा डिब्बा लेकर पहुंचा। वोट न डाल पाने की कसक उसकी आंखों से साफ झलक रही थी। हाथ कांप रहे थे और माथे पर पसीना..। उसने कंपकपाते हाथों से डिब्बे का ढक्कन खोला और अपने पूरे शरीर को केरोसिन से नहला लिया। इतने पर भी वहां मौजूद लोगों की नजर उस पर नहीं पड़ी। इसके बाद हरी सिंह ने माचिस की तीली से खुद को आग के हवाले कर दिया। यह देख वहां मौजूद पुलिसकर्मी और मतदाता सिहर गए। खुद आग की चपेट में न आ जाएं, इसलिए मदद के लिए कोई आगे नहीं आया।
जब हरी सड़क की तरफ दौड़ा तो कुछ पुलिसकर्मियों ने हिम्मत जुटाई। आग बुझाने के लिए उसके ऊपर प्लास्टिक की पॉलिथीन डाल दी, जिससे आग और ज्यादा भड़क गई। हालांकि, इतने पर भी तमाशबीनों की भीड़ ने मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाए। बाद में पुलिसकर्मियों ने किसी तरह मिट्टी व पानी आदि डालकर हरी सिंह के शरीर को घेरे आग की लपटों को बुझाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। हरी सिंह का शरीर 90 फीसद से ज्यादा जल चुका था।
हाथ जोड़े रहा
जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते वक्त हरी सिंह मीडियाकर्मियों के सामने हाथ जोड़े रहा। असहनीय दर्द होने के कारण वह कुछ बोल तो नहीं सका, लेकिन उसकी आंख से निकलते आंसू सारी सच्चाई खुद बयां कर रहे थे।
पत्नी हुई बेहोश
पति की मौत की खबर आते ही पत्नी तारावती बदहवास हो गई। जिला अस्पताल परिसर में आकर बेहोश हो गई। वह बार-बार यह कहती रही कि आखिर मेरे पति को वोट देने क्यों नहीं दिया गया।
फोर्स रही तैनात
जिला अस्पताल में बढ़ रही ग्रामीणों की भीड़ को ध्यान में रख भारी फोर्स भी तैनात कर दिया गया। कोतवाल मो.बाबर खुद भी अस्पताल पहुंचे और परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया।