Move to Jagran APP

सदा सुहागन रहने का मांगा वरदान

बाराबंकी : सुहागिनों ने गुरुवार को वट वृछ (बरगद के पेड़) की पूजा-अर्चना की। विधि-विधान से पूजा-अर्चना

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 May 2017 11:49 PM (IST)Updated: Thu, 25 May 2017 11:49 PM (IST)
सदा सुहागन रहने का मांगा वरदान
सदा सुहागन रहने का मांगा वरदान

बाराबंकी : सुहागिनों ने गुरुवार को वट वृछ (बरगद के पेड़) की पूजा-अर्चना की। विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर पति के दीर्घायु होने की कामना की।

loksabha election banner

शहर के जलालपुर, बड़ेल, लखपेड़ाबाग, डीआरडीए परिसर, कमरिया बाग, भुईंहारे बाबा मंदिर, आवास विकास स्थित वट वृक्ष की पूजा-अर्चना सुहागिनों ने की। सुबह पांच बजे से लेकर दस बजे तक वट वृक्ष की पूजा अर्चना विधि विधान से महिलाओं ने की। इस अवसर पर पति की लंबी आयु की कामना की। सफेदाबाद संवादसूत्र के अनुसार क्षेत्र में प्रात:काल से ही वट वृक्ष की पूजा के लिए महिलाएं सोलह श्रृंगारकर एकत्रित होने लगी। महिलाओं ने वट वृक्ष को धूप दीप अर्पित किया और वृक्ष के चक्कर लगाकर सूत (धागा) बांधा। वट वृक्ष की पूजा की प्रथा सती सावित्री और सत्यवान की कथा पर आधारित है। कथा के अनुसार जब सावित्री के पति के प्राण यमराज लेकर जाने लगे तो सावित्री भी उनके पीछे पीछे चल पड़ी। इस पर यमराज ने कहा कि कोई भी मनुष्य सशरीर यमलोक नहीं जा सकता। सावित्री फिर भी नहीं मानी और अपने सतीत्व के बल पर अपने पति के साथ यमलोक जाने पर अड़ गयी। तब यमराज ने हारकर सावित्री से वर मांगने को कहा। सावित्री ने यमराज से पुत्रवती होने का वर मांगा और यमराज ने बगैर कुछ सोचे समझे यह वर सावित्री को दे दिया। तब सावित्री ने यम से कहा मैं एक पतिव्रता स्त्री हूं। बगैर पति के पुत्रवती होना संभव नहीं है। सावित्री की इस बुद्धिमानी को देखकर यमराज ने सत्यवान के प्राण को वापस उसके शरीर में भेज दिया और सत्यवान जीवित हो गया। इस दौरान सत्यवान का शरीर एक वट वृक्ष ने सुरक्षित रखा था। तभी से वट वृक्ष की पूजा की प्रथा प्रारम्भ हुयी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.