गुरु के अटूट लंगर में आस्था का सैलाब
बाराबंकी : सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देवजी महाराज के शहीदी गुरु पर्व से पूर्व सुखमनी सा
बाराबंकी : सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देवजी महाराज के शहीदी गुरु पर्व से पूर्व सुखमनी साहब पाठ की समाप्ति पर लाजपतनगर स्थित गुरुद्वारा परिसर में गुरुवार को गुरु का लंगर वितरित हुआ।
शहीदी गुरुपर्व से पूर्व 40 दिन स्त्री साध-संगत द्वारा गुरुद्वारा परिसर में सुखमनी साहब पाठ किया जाता है। पाठ की समाप्ति के बाद सिख धर्म की महिलाओं द्वारा लंगर की सेवा की जाती है। गुरुद्वारा परिसर में पाठ की समाप्ति पर स्थानीय रागी भाई अर¨वदर ¨सह एवं उनके साथियों द्वारा गुरुद्वारा परिसर में पंज प्यारे पंज पीर, छठम पीर बैठा गुरु भारी, अर्जन काया पलट के, मूरत हरगो¨बद सवारी शब्द कीर्तन कर साध-संगत को गुरु चरणों के साथ जोड़ा गया। सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देवजी महाराज मानवता के सच्चे सेवक व धर्म के रक्षक भी थे। श्री गुरु अर्जुन देव जी सिख धर्म के पहले शहीद थे। शबद कीर्तन के बाद गुरुद्वारा परिसर में लंगर वितरित हुआ। सभी धर्मों के लोगों ने बिना भेद-भाव के लंगर को ग्रहण किया। सेवा करने वाली महिलाओं में गुरबचन कौर, रनजीत कौर, इंदरजीत कौर, सुमित्रा कौर, जस¨वदर कौर, सतनाम कौर, मनजीत कौर, सिमरप्रीत कौर, सरदार भूपिन्दर पाल ¨सह, सरदार चरनजीत ¨सह, सरदार ¨रकल अरोड़ा, सरदार मनजीत ¨सह, सरदार रतन ¨सह, सरदार मनमीत ¨सह मोनू आदि ने सेवा की।