जीतू व जयवीर हत्याकांड के सभी आरोपी दोषमुक्त
बाराबंकी : साढ़े छह साल पहले हुए नगर के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड के सभी अभियुक्त मंगलवार को अदालत स
बाराबंकी : साढ़े छह साल पहले हुए नगर के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड के सभी अभियुक्त मंगलवार को अदालत से बरी हो गए। अपर सत्र न्यायाधीश एमए खान ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। रामसेवक यादव इंटर कॉलेज के पास चुनावी रंजिश को लेकर हुई हत्या से न केवल शहर बल्कि पूरा जिला दहल गया था। इस हत्याकांड में लखपेड़ाबाग के रहने वाले विवेक मिश्रा उर्फ जीतू मिश्रा व सुभाषनगर निवासी जयवीर ¨सह भदौरिया की जान गई थी। आरोपियों को दूषित विवेचना व अभियोजन स्वीकृति के अनुरूप न होने का लाभ मिला।
महर्षि नगर लखपेड़ाबाग निवासी मुकदमा वादी राजेंद्र नाथ मिश्रा द्वारा 25/26 सितंबर 2010 की रात सवा बारह बजे थाना कोतवाली नगर में दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार उनका पुत्र विवेक मिश्रा उर्फ जीतू मिश्रा ग्राम पंचायत बड़ेल से ग्राम प्रधान पद तथा मुहल्ला सुभाषनगर के जयवीर ¨सह भदौरिया बीडीसी पद के प्रत्याशी थे। इसी ग्रामसभा से प्रधान पद के लिए राजेश प्रताप ¨सह राजू ¨सह व बीडीसी पद के लिए पुष्पेंद्र ¨सह भी प्रत्याशी थे। घटना वाले दिन दोनों ने बातचीत के लिए विवेक मिश्रा व जयवीर ¨सह भदौरिया को अपने घर बुलाया। विवेक मिश्रा व जयवीर ¨सह अपने साथी अमर यादव, गणेश यादव, राघवेंद्र शुक्ल, शैलेश द्विवेदी व नान मिश्रा के साथ वहां पंहुचे। जहां उन पर पर्चा वापसी का दबाव डाला गया। मना करने पर वहां पहले से मौजूद बलराम ¨सह, राजेश प्रताप ¨सह, पुष्पेंद्र ¨सह, मनोज ¨सह व तरुण ¨सह ने अन्य साथियों के साथ उन्हें गालियां देते हुए असलहों से दौड़ा लिया। इन लोगों ने रायफल, रिवाल्वर व बंदूक से भागते समय उन पर फायर कर दिया जिससे जयवीर ¨सह भदौरिया ने पुष्पेंद्र ¨सह के मकान के सामने रोड पर व जीतू मिश्रा ने रामसेवक इंटर कालेज के सामने गेट पर गिरकर दम तोड़ दिया था। दौरान विवेचना राघवेंद्र ¨सह, ज्ञानेश ¨सह, चंद्रशेखर वर्मा, मोहन ¨सह के नाम प्रकाश में आए। मामले में जनता के तीन व सात सरकारी कुल 10 गवाह परीक्षित किए गए। बचाव में विनय कुमार, यशवीर ¨सह व अखिलेश कुमार परीक्षित कराए गए। कोर्ट नंबर छह पर 10 अप्रैल 2014 को वादी के प्रार्थनापत्र पर चश्मदीद साक्षी व बरामदगी के साक्षी सहित आठ गवाह उन्मोचित किए गए।
विवेचक पर हो कार्रवाई
न्यायालय ने विवेचना दूषित पाए जाने पर विव चक एसएचओ जितेंद्र गिरि केविरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखने का आदेश पारित किया तथा न्यायालय ने डीएम की असलहों से संबंधित अभियोजन स्वीकृति भी विधि अनुरूप नहीं मानी। जेल में हैं तीन आरोपी अपने फैसले में न्यायालय ने सभी नौ अभियुक्तों को दोषमुक्त करते हुए जेल में निरुद्ध अभियुक्त चंद्रशेखर वर्मा, बलराम ¨सह व ज्ञानेश ¨सह की रिहाई का आदेश जिला कारागार भेज दिया है। शेष छह अभियुक्त पहले से ही जमानत पर थे।
हाईकोर्ट में करेंगे अपील
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजकुमार वर्मा ने आदेश को विधि विरुद्ध मानते हुए बताया कि वह शीघ्र ही इस आदेश की अपील उच्च न्यायालय में करेंगे। आरोपियों के बरी हो जाने से पीड़ित परिवार आहत है। परिजनों ने 'जागरण' से कहा कि हाईकोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी।
असली हत्यारों को ढूंढ़े पुलिस
जीतू मिश्रा के पिता राजेंद्र मिश्र, मां उमा कुमारी मिश्रा व पत्नी रीता मिश्रा ने एक स्वर में कहा कि मान लिया जिन लोगों पर मुकदमा चला वह अदालत से निर्दोष साबित कर दिए गए पर हत्या तो हुई ही थी। इस सत्य को कौन नकार सकता है? पुलिस को चाहिए कि वह हत्यारों का पता लगाकर उन्हें फांसी के फंदे तक पहुंचाए अन्यथा हम जैसे लोगों का कानून से भरोसा उठा जाएगा।