सॉफ्टवेयर खामी का खामियाजा भुगत रहे अशिक्षित
बाराबंकी : परिवहन विभाग में ड्राइ¨वग लाइसेंस की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए 0.4 सारथी नामक सॉफ्
बाराबंकी : परिवहन विभाग में ड्राइ¨वग लाइसेंस की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए 0.4 सारथी नामक सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया गया है। इस सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियों के चलते अशिक्षित लोगों के ड्राइ¨वग लाइसेंस नहीं बन पा रहे हैं। वहीं एक माह के इंतजार के बाद कामर्शियल लाइसेंसी को पुराने प्रक्रिया के तहत शुरू किया गया है।
बाराबंकी सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दो योजनाओं को लागू किया गया। पहला जिसमें वाहनों के पंजीयन से लेकर कर आदि सभी ऑनलाइन जमा किए जाते हैं। वहीं 28 अक्टूबर को दूसरी योजना लागू की गई। जिसके तहत ड्राइ¨वग लाइसेंस बनाने की प्रकिया को ऑनलाइन किया गया। इसके तहत 0.4 सारथी नामक सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया गया है। इसके लागू होने के बाद से अशिक्षित लोगों के साथ कामर्शियल लाइसेंस बनना बन हो गए। जिसका कारण साफ्टवेयर में भारी खामी का होना है। दरअसल 0.4 सारथी सॉफ्टवेयर में इन दोनों प्रकार के लाइसेंस संबंधित कोई विकल्प ही नहीं दिया गया है। 28 अक्टूबर के बाद से कार्यालय में अशिक्षित का प्रशिक्षु लाइसेंसी नहीं बन सका है। वहीं कामर्शियल लाइसेंस भी इस दौरान नहीं बन सके।
पुराने ढर्रे पर काम शुरू : इस तकनीकी समस्या से जूझ रहे अधिकारी लगातार मुख्यालय व तकनीकी टीम से संपर्क करते रहे। 28 नवंबर तक इसे ठीक कर देने का आश्वासन दिया गया था लेकिन समय रहते यह नहीं हो सका। अब इस तकनीकी खामी को दूर करने की तिथि एक माह और बढ़ाकर 28 दिसंबर नियत की गई है। एआरटीओ प्रशासन राजेश्वर यादव ने बताया कि जब तक साफ्टवेयर अपडेट होगा तब तक विकल्प के तौर पर कामर्शियल लाइसेंस को पुरानी प्रक्रिया के तहत बनाया जाना शुरू कर दिया गया है।
बने चार सौ लाइसेंस : एआरटीओ ने बताया कि पहले प्रतिदिन औसतन सवा सौ लाइसेंस प्रतिदिन बनते थे। जब से ऑनलाइन सिस्टम शुरू हुआ है तब से लेकर एक माह के दौरान करीब चार सौ लाइसेंस ही बन सके हैं। यह सारे लाइसेंस ऑन लाइन ही आवेदन किए गए थे।