न जी भर के देखा न कुछ बात की
बाराबंकी : सुप्रसिद्ध गजल गायक चंदन दास की गजलों और गीतों से मंगलवार की सांस्कृतिक संध्या गुलजार हुई
बाराबंकी : सुप्रसिद्ध गजल गायक चंदन दास की गजलों और गीतों से मंगलवार की सांस्कृतिक संध्या गुलजार हुई। उनकी गजलों पर श्रोता मुग्ध होकर दाद देते रहे। उन्होंने कई प्रसिद्ध शायरों के कलाम और गीत पेश कर गजल प्रेमियों का दिल जीत लिया।कार्यक्रम की शुरुआत चंदन दास ने अपनी गजल Þइस तरह मोहब्बत की शुरुआत कीजिए, इक बार अकेले में मुलाकात कीजिएÞ से की। इसके बाद उन्होंने Þनए घड़े के पानी से जब मीठी खुशबू आती है, यूं लगा है मुझको जैसे तेरी खुशबू आती है'पर लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने जब बशीर बद्र का कलाम'न जी भर के देखा न कुछ बात की'गाया तो लोग तालियां बजा-बजाकर झूम उठे। उन्होंने'पिया नहीं जब गांव में, आग लगे सारे गांव में, धूप भरी छत पर बरस गया पानी, आ भी जाओ की ¨जदगी कम है, कल ख्वाब में देखा सखी मैंने पिया का गांव सहित कई अन्य सुप्रसिद्ध गीत और नामी शायरों के कलाम पेश किए। इस दौरान श्रोता झूम-झूम कर उनकी सुरमई आवाज का लुत़्फ लेते रहे। देर शाम तक पंडाल तालियों के स्वरों से गूंजता रहा। कार्यक्रम का संचालन एंकर आशीष पाठक ने किया। इस मौके पर एडीएम अनिल ¨सह सहित कई प्रशासनिक अधिकारी और काफी संख्या में गजल प्रेमी मौजूद थे।
इनसेट-आज भी समृद्ध है गजल
देवा: गजल प्रेमियों के लिए चंदन दास का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। सुप्रसिद्ध गजल गायक चंदन दास की काफी गजलें और गीत आज भी संगीत प्रेमियों के दिल में अपना मुकाम बनाए हैं। मंगलवार को चंदन दास देवा मेले में 'जागरण' से मुखातिब थे। प्रस्तुत हैं बातचीत के संक्षिप्त अंश।
चंदन दास बताते हैं कि जहां ज्यादातर संगीत से जुड़े फ़नकार एक सांगीतिक विरासत के उत्तराधिकारी होते हैं परंतु उन्हें ऐसा सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ। उन्हें तो ग़•ाल गायिकी के क्षेत्र में आने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। चंदन दास बताते हैं उनकी खुशकिस्मती थी कि उनकी पहली एलबम में उनका परिचय खुद ग़•ाल गायक तलत अ•ाीज ने दिया। चंदन दास ने कहा कि गजल हमेशा से समृद्ध रही है और आज भी इसके कद्रदानों की संख्या काफी है। बकौल चंदनदास काफी अलबमों से लोकप्रियता हासिल होने के साथ ही गजल के बेस्ट ¨सगर के रूप में भी नवाजा जा चुका है। नए गायकों को संदेश देते हुए चंदन दास ने कहा कि Þनए गायकों को संगीत के क्षेत्र में संयम से अपनी दिशा तय करनी चाहिए। आज की पीढ़ी सफलता का स्वाद जल्दी चखने के लिए संगीत की उस विधा को चुन लेती है जहां आसानी से नाम और पैसा कमाया जा सके। दरअसल उन्हें निरंतर रिया•ा करते हुए यह तय करना चाहिए कि वे अपनी काबिलियत के बल पर किस क्षेत्र में अपना मुकाम हासिल कर सकते हैं।