कागजों तक सीमित रहा मतदाता पुनरीक्षण कार्य
बाराबंकी : जिला प्रशासन ने बीएलओ को इतनी छूट दी कि मतदाता पुनरीक्षण कार्य हवा हवाई साबित हुआ। घर-घर
बाराबंकी : जिला प्रशासन ने बीएलओ को इतनी छूट दी कि मतदाता पुनरीक्षण कार्य हवा हवाई साबित हुआ। घर-घर तो दूर गांवों में भी बीएलओ नहीं पहुंचे। किसी तरह से रविवार को आयोजित बूथ दिवस भी खानापूर्ति कर पूरा हुआ। अधिकांश बूथों पर ताले लटकते रहे तो कहीं बूथ से ही बीएलओ गायब रहे। जिले में चुनाव आयोग के निर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं।
शहर के बूथों के बीएलओ को देख लिया जाए तो यहां लखपेड़ाबाग, कटरा बरादरी, बड़ेल और ओबरी में बीएलओ घर-घर गए ही नहीं। नवाबगंज में पूरी तरह से अधिकारियों की लापरवाही बरती गई। नवाबगंज के ग्राम हेतमपुर के नेवादा और कटरा में कोई भी बीएलओ गांव नहीं पहुंचा। लखपेड़ाबाग के सरस्वती विहार कॉलोनी, बाल विहार कॉलोनी के अधिकांश लोग अपना नाम बढ़वाने के लिए रामसेवक यादव इंटर कॉलेज में बने बूथ पर पहुंचे। मगर यहां उन्हें निराशा ही हाथ लगी। आवास विकास निवासी छात्र न ता शिवम शुक्ला का आरोप है कि इसी तरह कार्य अगर बीएलओ करते रहे तो शायद नए मतदाता बढ़ सके।
इनसेट : सामने दरवाजा बंद, पीछे चल रहा था बूथ
दरियाबाद : बूथ प्राथमिक विद्यालय जेठौती कुर्मियान में था। यहां बाहर से ताला लगाकर पीछे स्थित कमरे में बूथ चल रहा था। जिससे आने वाले लोग लौट जा रहे थे। बीएलओ कृष्ण कुमार पांडेय व पदाभिहित रमावती मिश्र एक कक्ष में बैठी थी। यहां पर 27 नाम बढाने, 2 विलोपन, एक संसोधन के फार्म आए। 27 में से 9 फार्म निवास में त्रुटि होने के कारण निरस्त किए गए। यहां के प्रदीप कुमार का कहना है कि बीएलओ डोर टू डोर की कौन कहे गांव में बताने तो गए नहीं। जिसे जरूरत हो वही इनको खोजते हुए पहुंचे। केंद्र पर भी बहुत कम ही मिलते हैं। गांव के अंधिकांश लोगों को यह नहीं मालूम कि वोटर लिस्ट में नाम बढ़ाने, घटाने व सही करने का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि उनका भी पहचान पत्र नहीं था, एक नाम बढ़वाने के लिए गए तो बीएलओ नदारद थे, स्कूल में ताला लगा था। प्राथमिक विद्यालय कुशफर के बीएलओ प्रदीप कुमार व पदाभिहित आदित्य कुमार मौजूद रहे। रविवार को 5 महिलाओं के फार्म नाम बढ़ने के फार्म आए थे। यहां के विवेक ¨सह ने बताया कि नाम संसोधन के लिए बूथ पर गए तो कोई मिला नहीं, गांव में घर-घर जाकर कार्य करने के ब एलओ को आदेश है लेकिन कभी कोई जाता नहीं।
इनसेट : क ंद्र पर बीएलओ नहीं
¨नदूरा : ¨नदूरा के अगासढ़ बूथ पर प्रधानाध्यापक साहबुद्दीन अहमद मिले। जब इनसे मालूम किया गया कि बीएलओ कहां गए तो बताया गया कि वह गांव गए हैं। जबकि बूथ दिवस पर बीएलओ को केंद्र मौजूद रहना था।
इनसेट : बूथ पर लटकता मिला ताला भिलवल : हैदरगढ़ तहसील के हुसेना बाद का बूथ साधन सहकारी समिति में था। यहां ताला लटक रहा था। पता किया गया तो बूथ से दूर प्राथमिक विद्यालय में संचालित हो रहा था। मदनापुर की प्रीति ने बताया कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। नाम बढ़वाना चाहती हूं, लेकिन बीएलओ गांव ही नहीं आए। जबकि कई बार केंद्र गई लेकिन बूथ खुला नहीं मिला। गौरवा उसमानपुर के ग्राम त्रिलोकपुर की चंद्रकांती पत्नी दिलीप ने बताया कि उनका नाम सूची में गलत हो गया है लेकिन बूथ पर कोई मिलता ही नहीं।