नहीं चाहिए मुख्यमंत्री की भीख, जारी रहेगी हड़ताल
बाराबंकी : प्रदेश सरकार की ओर से बढ़ाई गई मानदेय की धनराशि को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भीख की संज्ञा
बाराबंकी : प्रदेश सरकार की ओर से बढ़ाई गई मानदेय की धनराशि को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भीख की संज्ञा दी है। गुरुवार को जिला गन्ना कार्यालय परिसर में आयोजित धरने में सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि मुख्यमंत्री की भीख हमें स्वीकार नहीं है। हड़ताल जारी रहेगी।
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रांतीय संगठन मंत्री रामदेवी ने धरने पर बताया कि वह भी बुधवार को मुख्यमंत्री व विभागीय अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में शामिल थी। आंगनबाड़ी के मानदेय में आठ सौ व सहायिका के मानदेय में चार सौ रुपये की बढ़ोतरी का विरोध किया था, मगर वार्ता में शामिल अन्य कार्यकर्ताओं ने इस बढ़ोतरी का विरोध न करके धोखा देने का काम किया।
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे लोग भी वार्ता में शामिल होने पहुंच गए थे तो विभाग में दलाली का काम करते हैं। दलालों ने मुख्यमंत्री व विभागीय अधिकारियों को गुमराह करने का काम अपने स्वार्थ के लिए किया है। प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश शर्मा व संरक्षक अमरेंद्र ने भी बढ़ोतरी को धोखा बताया।
संघ की जिलाध्यक्ष मनीषा कनौजिया ने कहा कि जिले में हड़ताल निरंतर जारी रहेगी। आंगनबाड़ी का 18 हजार व सहायिकाओं का नौ हजार रुपये मानदेय बढ़ाए जाने की मांग के सापेक्ष क्रमश: आठ सौ व चार सौ रुपये बढ़ाकर मजाक किया गया है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
शोक संवेदना : धरने में दिवंगत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कल्पना मौर्या की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर शोक संवेदना व्यक्त कर ईश्वर से प्रार्थना की गई। बुधवार को लखनऊ में धरना स्थल पर हृदयाघात से नगर के सिविल लाइन निवासी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कल्पना मौर्या की मौत हो गई थी। संघ का एक प्रतिनिधि मंडल एडीएम से मिला और कल्पना के परिवार को आर्थिक सहायता की मांग की।