करोड़ो खर्च के बाद भी नगर में कूड़ा ही कूड़ा
बाराबंकी : केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी कूड़ा निस्तारण परियोजना की शहर में विधिवत शुरूआत के बाद भी सम
बाराबंकी : केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी कूड़ा निस्तारण परियोजना की शहर में विधिवत शुरूआत के बाद भी समुचित कूड़ा निस्तारण नहीं हो पा रहा है। मुख्य मार्गो से लेकर गलियों तक कूड़े के ढेर नजर आ रहे हैं। पांच करोड़ से अधिक धनराशि खर्च होने के बाद भी कूड़ा निस्तारण न होने से परियोजना पर ही सवालिया निशान लग गया है।
करीब आठ वर्ष बाद कूड़ा निस्तारण योजना पर बड़ी मुश्किल से 11 अप्रैल वर्ष 2013 को विधिवत शुरूआत की गई थी। प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां ने परियोजना का शुभारंभ किया था। योजना शुरू होने के बाद डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए प्रतिदिन कहा गया था। मगर निर्देश पर अमल नहीं किया जा रहा है। कूड़ा निस्तारण न होने से गलियों में गंदगी के ढेर लगे हुए है। खाली पड़े भूखंडों पर कूड़े का ढेर लगा हुआ है।प्रोस¨सग प्लांट में खाद बनाई जाने वाली मशीन कूड़े का बंटवारा करने वाली मशीन तो लगी है मगर पर्याप्त कूड़ा न पहुंचने के कारण योजना कारगर नहीं हो पा रही हैं। नित्य कूड़ा की उठान न होने से उसमे से उठती दुर्गंध से लोग परेशान है। सही क्रियान्वयन न होने से योजना को झटका लगा है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना में 25 सफाई कर्मचारियों को लगाए जाने का दावा किया जा रहा है। जो डोर टू डोर कूड़े का कलेक्शन करते हैं। नगर पालिका में 180 से अधिक सफाई कर्मी है फिर योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। ईओ एसके ¨सह का कहना है कि वे स्वयं वार्डों का औचक निरीक्षण करते है। लापरवाही बरतने पर पूर्व में कई सफाई कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। वार्डों में सफाई बराबर कराई जा रही है।