Move to Jagran APP

स्थिर हुआ घाघरा का जलस्तर, बढ़ी कटान

बाराबंकी : घाघरा का जलस्तर अभी भी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से ऊपर है। हालांकि जलस्तर दोपहर बाद

By Edited By: Published: Sat, 23 Jul 2016 11:38 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jul 2016 11:38 PM (IST)
स्थिर हुआ घाघरा का जलस्तर, बढ़ी कटान

बाराबंकी : घाघरा का जलस्तर अभी भी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से ऊपर है। हालांकि जलस्तर दोपहर बाद से स्थिर है। रविवार को पुन: पानी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। संक्रामक रोगों का प्रकोप तेज हो गया है। दवाइयां और मेडिकल सहायता बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंच पा रही हैं।

prime article banner

रामनगर संवादसूत्र के अनुसार घाघरा नदी का जलस्तर शनिवार को अपरान्ह 106.416 मीटर पर पहुंचकर शाम तक स्थिर रहा। यह खतरे के निशान 106.070 मीटर से 34 सेंटीमीटर अधिक है। सूरतगंज संवादसूत्र के अनुसार लोग संक्रामक रोगों की चपेट में हैं। उन्हें दवाएं मेडिकल सहायता नहीं मिल पा रही हैं। प्रशासन ने बाढ़ से गिरने वाले कच्चे-पक्के मकानों व छप्परनुमा घरों के सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है। हेतमापुर, कचनापुर, सरसंडा, बबुरिया, बेलहरी, सुंदरपुर, वासूपुर, मदरहा सहित करीब तीन दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं। थे। उपजिलाधिकारी रामनगर आशुतोष दुबे ने बताया कि लेखपाल की टीम गठित कर सर्वे शुरू करा दिया गया है। टिकैतनगर संवादसूत्र के अनुसार एल्गिन चरसड़ी के पुराने तटबंध पर कट वन व कट टू दोनों पर कटान तेजी से हो रही है। शनिवार को नदी ने कट वन को 10 मीटर व कट 2 के 15 मीटर हिस्से पर कटान की। कटान से ¨रग बांध पर दबाव बढ़ गया है। इसके चलते अगर बाढ़खंड के अधिकारियों ने अनुरक्षण में तेजी न दिखाई तो ¨रग बांध बचा पाना मुश्किल होगा। इसके अलावा तटबंध की कटान गोंडा जिले के नकहरा व बाराबंकी जिले के मांझा रायपुर के मध्य हो रही है। जिस स्थान पर कटान का दबाव ज्यादा है। वह बाराबंकी जिले में आता है। शुक्रवार की रात में नदी प्रवाह फिर तटबंध की ओर तेज हो गया था। ग्रामीणों के साथ ¨सचाई विभाग के अधिकारी भी सहम गए थे। वह भी अनुरक्षण कार्य से मजदूरों को हटाकर भाग निकले थे। दोपहर बाद नदी का प्रवाह कम होने से एक बार फिर ¨सचाई विभाग के अधिकारियो ने तटबंध को बचाने की कोशिश फिर जारी की गयी। और बोरियो में बालू भरकर डाली जाती रही। तटबंध के किनारे बल्लियां गाड कर कटान रोकने की कोशिश करते रहे। तटबंध पर निवास कर रहे इंस्पेक्टर यादव पूरा मामला बताते बताते भावुक हो गये। उन्होने बताया की रात में नदी का जलप्रवाह इतना अधिक हो गया था। कि ग्रामीणो ने रत जगा करके पूरी रात बिताई। यहां तक की ¨सचाई विभाग के अधिकारी जो अनुरक्षण कार्य करा रहे थें। वह भी मौके से भाग निकलें। और अपनी मशीनों और मजदूरो को वहां से हटा दिया। सुबह नदी का जलप्रवाह कम होने पर अनुरक्षण कार्य शुरू हुआ। ¨सचाई विभाग के अवरअभियन्ता ओमकार ने बताया कि नदी में पानी कम होने से कट वन पर ज्यादा दबाव पड गया है। इसको लेकर तेजी से अनुरक्षण कार्य कराया जा रहा है।

इनसेट-टिकैतनगर:- गांवो में अभी भी पानी भरा हुआ है। केवल सम्पर्क मार्गो से पानी हटा है। बाढ़पीड़ितों की गृहस्थी का सामान जल समाधि में चला गया। अब उनकी दैनिक उपयोग की वस्तुओ की समस्या खडी हो गयी है। अभी तक उनको खाद्यान्न का वितरण प्रशासन नही करा सका है। बाढ प्रभावित कोठरीगौरिया, अतरसुइया, सेमरी, पत्रा, तेलवारी, उमरहरा, गोबरहा में अभी भी पानी भरा हुआ है। अचानक आयी बाढ से इन ग्रामीणो का सबकुछ नदी में बह गया। ग्रामीण केवल अपने बच्चो व मवेशियो को ही बचा पाये है। अब बाढ का पानी खत्म हो गया है। लेकिन उनके लिए खाद्यान्न नही है। जिससे वह आगे अपना जीवन यापन कर सके।

इनसेट-टिकैतनगर- शनिवार को भाजपा नेता विवेकानन्द पाण्डेय ने गिदरापुर, व कोठरीगोरिया, सहित आधा दर्जन गांवों का दौरा करके ग्रामीणों का हालचाल पूछा। और उनको आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी। भाजपा नेता विवेकानन्द पाण्डेय ने कहा कि बाढ का पानी एक सप्ताह से गांवो में कोहराम मचा रहा है। और अभी तक कोई भी राहत सामग्री बाढ पीडितो को नही उपलब्ध करायी गयी है। इस मौके पर उनके साथ कमलाकांत द्धिवेदी, जगदीश गुप्ता, राकेश शुक्ला, पंकज मिश्रा, गनेश प्रसाद शुक्ला, तमाम लोग मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.