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हर वर्ष नौ लाख लोगों की हो रही तंबाकू से मौत

बाराबंकी : तंबाकू नियंत्रण को लेकर डीआरडीए सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिलाधिकार

By Edited By: Published: Wed, 10 Feb 2016 11:51 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2016 11:51 PM (IST)
हर वर्ष नौ लाख लोगों की हो रही तंबाकू से मौत

बाराबंकी : तंबाकू नियंत्रण को लेकर डीआरडीए सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिलाधिकारी ने कहा कि विश्व में 60 लाख लोग हर वर्ष तंबाकू सेवन से अपनी जान गवा रहे हैं। लगभग हर वर्ष 9 लाख भारतीय भी तंबाकू सेवन के कारण मौत हो रही है।

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उन्होंने कहा कि तंबाकू सेवन से क्षय रोग, एड्स एवं मलेरिया जैसी बीमारी भी तेजी के साथ फैल रही है। इसलिए इस भीषण त्रासदी को रोकने के लिए हम सभी को मिलकर तंबाकू पर नियंत्रण लगाना होगा। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण दिवस पर डीआरडीए गांधी सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन जिलाधिकारी अजय यादव ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम में जिले के समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से प्रांतीय स्तर के प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में विशेष रूप से प्रतिभाग किया। राज्य स्तरीय प्रतिनिधि सतीश त्रिपाठी ने कहा कि सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादन, विज्ञापन का प्रतिबंध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनिमय पर शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। मुख्य विकास अधिकारी ऋषिरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रतिदिन 2200 से अधिक भारतीय तंबाकू सेवन के कारण मरते हैं तथा भारत में कैंसर से मरने वाले 100 रोगियों में 40 तंबाकू के प्रयोग के कारण मरते हैं। लगभग 95 प्रतिशत मुख का कैंसर तंबाकू सेवन करने वालों को होता है। राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा चलाए जा रहे, इस कार्यक्रम में सबका सहयोग एवं जागरूकता अति आवश्यक है। तंबाकू सेवन से न केवल कैंसर होता बल्कि हृदय रोग, मधुमेह, टीबी, लकवा, ²ष्टिविहीनता, फेफड़े के रोग व श्वास संबंधी रोग भी होते है। किशोरावस्था से ही तंबाकू सेवन करने से नपुंसकता होती है। तंबाकू ¨नयत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. केएनएम त्रिपाठी ने बताया कि धूम्रपान छोड़ने के 20 मिनट बाद रक्तचाप व हृदयगति सामान्य हो जाती है। 24 घंटे बाद शरीर से जहरीली गैस निकल जाती है। 72 घंटे बाद सांस लेना आसान हो जाता है। 2 से 4 सप्ताह बाद रक्त संचार में सुधार आ जाता है। कार्यशाला का संचालन मो. एहरार ने किया। कार्यशाला में जिला कार्यक्रम प्रबंधक अमरीश द्विवेदी, संक्रामण रोग नियंत्रण प्रभारी डा. डीपी ¨सह आदि मौजूद रहे।


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