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तराई क्षेत्र का सीएचसी स्वयं ही बीमार

बाराबंकी: घाघरा नदी के एक दर्जन गांवो को स्वास्थ्य सुविधांए उपलब्ध कराने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य क

By Edited By: Published: Mon, 23 Nov 2015 11:28 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2015 11:28 PM (IST)
तराई क्षेत्र का सीएचसी स्वयं ही बीमार

बाराबंकी: घाघरा नदी के एक दर्जन गांवो को स्वास्थ्य सुविधांए उपलब्ध कराने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र टिकैतनगर में न तो जीवन रक्षक दवाएं है और न ही आक्सीजन। वहीं चिकित्सकों की नियमित उपस्थित न होने से तराई क्षेत्र के लोगों का समुचित उपचार नहीं हो पा रहा है। संसाधनों के अभाव से जूझ रही इस सीएचसी पर लोगो को निशुल्क जांचों का लाभ नही मिल पा रहा है।

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दवाओं का है टोटा : स्वास्थ्य केंद्र पर पूछने पर पता चला कि जरूरी दवाओं का टोटा है।। यहां पर पैरासीटामाल व अंबेडाजोल, सहित दो तीन दवाओं को छोडकर बाकी दवा मौजूद नहीं है। यहां पर मरीजो को रैबीज इंजेक्शन लगाने व एक्सरे कराने की फीस निर्धारित है।यहां पर अरसे से सर्जन की तैनाती न होने से लोगो को मजबूरी में बाहर भागना पडता है। इसके अलावा यहां पर रैबीज इंजेक्शन एक्सर , खून जांच, प्रसव, कराने में मनमानी फीस वसूली जाती है।

नियमित नही है चिकित्सक : सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र टिकैतनगर में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके मौर्या के अलावा डॉ. रामरतन, डॉ. वी लाल, डॉ.अमित मौर्या की तैनाती है। लेकिन यहां पर अधीक्षक व डॉ. रामरतन के अलावा कोई भी चिकित्सक नियमित नहीं है। चिकित्सक कभी कभार सीएचसी आते है।

परिसर में गंदगी : स्वास्थ्य केंद्र परिसर में भारी गंदगी फैली हुई है। प्रसव कक्ष व वार्डो में गंध आने से मरीजों का सांस लेना दूभर है। सोमवार को जागरण टीम ने सीएचसी की हकीकत देखी तो स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के दावों के पोल खुल गयी।

लटका रहा ताला : यहां पर केवल चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी के मौर्या फार्मासिस्ट सियाराम विश्वकर्मा, व पर्चा बनाने वाले पुरूषोत्तम ही मौजूद रहे। यहां पर पैथालॉजी कक्ष में ताला लगा रहा और मरीज अस्पताल की बेंचो पर बैठकर चिकित्सको का इंतजार करते रहे। और प्रसव कक्ष में तो भारी गंदगी फैली हुई है। स्वास्थ्य केन्द्र पर महिला चिकित्सको की तैनाती तो है। लेकिन नियमित नही है। यहां पर लगभग तराई क्षेत्र के पचास गांवो के इलाज का जिम्मा है। रोजाना दर्जनो मरीज नदी पार करके आते है। लेकिन यहां पर एक भी सर्जन की तैनती नही है। जिससे वहां से आने वाले मरीजो को बैरंग वापस होना पडता है। मरीजो द्वारा दबाव बनाने पर चिकित्सों द्वारा उनको जबरन जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। स्वास्थ्य केन्द्र पर जनरेटर की व्यवस्था ह । लेकिन यहां पर बिजली के सहारे ही पूरा कार्य किया जाता है। यहां पर भारी अव्यस्था की शिकायत स्थानीय सभासद लीलाधर मिश्र ने सीएमओ डॉ. रवीन्द्र कुमार से कई बार की लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई।

क्या कहते है जिम्मेदार : इस संबंध में सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक बीके मौर्य का कहना है कि जो दवाइयां मुख्यालय से उपलब्ध कराई जाती है वह मरीजों को वितरित की जाती है। चिकित्सक नियमित न होने के संबंध में वे कोई सही जवाब नही दे पाए।


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