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मजदूरी के लिए भटक रहा वन विभाग का माली

सतरिख (बाराबंकी): वन विभाग की कारगुजारी से एक और दिहाड़ी श्रमिक मजदूरी पाने के लिए दर-दर भटक रहा है।

By Edited By: Published: Sun, 04 Oct 2015 11:58 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2015 11:58 PM (IST)
मजदूरी के लिए भटक रहा वन विभाग का माली

सतरिख (बाराबंकी): वन विभाग की कारगुजारी से एक और दिहाड़ी श्रमिक मजदूरी पाने के लिए दर-दर भटक रहा है। हरख वन विभाग कार्यालय में कर्मचारी की मजदूरी नहीं दी जा रही है। शिकायत के बाद डीएम कार्यालय ने संज्ञान लिया लेकिन विभाग के अधिकारी खामोश हैं। इससे वेतन देने के बदले कमीशन मांगने के आरोपों की पुष्टि प्रतीत होने लगी है।

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मामला क्षेत्रीय वन अधिकारी हरख कार्यालय का है। क्षेत्र के ग्राम बरगदहा निवासी अनंतराम पुत्र धनीराम ने एक अक्टूबर 2014 से वन कार्यालय हरख में माली कम चौकीदार के रूप में कार्य करना शुरू किया था। प्रत्येक माह कार्य के बदले विभाग ने इसे 3500 रुपये प्रतिमाह वेतन देने को कहा था। अनंतराम का कहना है कि विभाग ने उसे सतरिख बीट के चौकीदार की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बदले मात्र छह हजार रुपये दिहाड़ी दी गई। वन विभाग के दिहाड़ी श्रमिक का आरोप है कि शेष वेतन देने के बदले हरख के रेंजर ने उससे डीएफओ को देने की बात कहकर तीन सौ रुपये प्रतिमाह की दर से कमीशन मांगा। विभाग के रवैए से परेशान होकर अनंतराम ने डीएम कार्यालय में जाकर अपना दुखड़ा सुनाया था। इस पर जांच के आदेश दिए गए हैं। श्रमिक का कहना है कि विभाग ने वेतन न दिया तो वह धरना देगा। करीब चार वर्ष पूर्व बड़ापुरा गांव निवासी वन विभाग में दिहाड़ी श्रमिक अभिमन्यु ने पुत्री को फांसी पर लटकाने के बाद स्वयं मौत को गले लगा लिया था। उसके पास बरामद हुए सुसाइड नोटों से यह बात सामने आई थी कि वन विभाग के अधिकारी उसका भी वेतन नहीं दे रहे थे। सुसाइड नोट में लिखा था कि जब वह पैसा मांगने जाता था तो उससे अभद्र व्यवहार किया जाता था। कई बार पीटा भी गया। इस मामले में तत्कालीन डीएम के आदेश पर वन विभाग हरख रेंज के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच में सभी बचा लिए गए थे।

'मुझसे अनंतराम नहीं मिला है। मिले तो बात हो। मैं चुनाव ड्यूटी में हूं।'

ओमप्रकाश

क्षेत्रीय वन अधिकारी

हरख बाराबंकी


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