सिद्धौर में नहीं छंटे तनाव के बादल
सिद्धौर (बाराबंकी) : कस्बे से छठवें दिन भी तनाव के बादल छंट नहीं सके हैं। न केवल सिद्धौर में बल्कि
सिद्धौर (बाराबंकी) : कस्बे से छठवें दिन भी तनाव के बादल छंट नहीं सके हैं। न केवल सिद्धौर में बल्कि आसपास के गांव की गलियों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। समुदाय विशेष की दुकानें पूरी तरह बंद हैं। इक्का दुक्का दूसरे समुदाय के लोगों ने दुकानें खोली भी हैं तो ग्राहक नहीं दिख रहे हैं। जनजीवन संगीनों के साए में चल रहा है। पुलिस व पीएसी का चप्पे-चप्पे पर पहरा बरकरार है।
लोगों की बेचैनी इसलिए भी बढ़ रही है कि 28 अगस्त को कस्बे से शुरू हुई ¨हसा की चपेट में आसपास के वे गांव भी आते जा रहे हैं जहां कभी कोई सांप्रदायिक वैमनस्य की बात भी सामने नहीं आई थी। लोगों का कहना है कि उपद्रवियों की आड़ में अपनी दुश्मनी निपटाने की कोशिश हो रही है। बुधवार को कोई घटना नहीं घटी। जिससे न केवल कस्बे के लोगों में बल्कि प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। पुलिस और पीएसी की मौजूदगी के बावजूद लोग निकलने से डर रहे हैं। विद्यालयों में छात्र छात्राओं की उपस्थिति नगण्य है।