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कलाम को अवाम का आखिरी सलाम

बाराबंकी : भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को बच्चों, समाजसेवियों व आमजनों ने नम आंखो

By Edited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 12:05 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 12:05 AM (IST)
कलाम को अवाम का आखिरी सलाम

बाराबंकी : भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को बच्चों, समाजसेवियों व आमजनों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। खैर अकीदत, कैंडल मार्च, शोकसभाओं में पुष्पांजलि कर लोगों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। सलमानी समाज के नेताओं ने डॉ. अब्दुल कलाम को खैर अकीदत पेश की। रामसेवक यादव महाविद्यालय चंदौली में हुई शोकसभा में शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने दो मिनट का मौन रखकर शोक जताया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की फोरम फार डेवलपमेंट की नगर इकाई ने कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी। भारतीय किसान यूनियन कार्यालय पर श्रद्धांजलि सभा में किसानों ने दो मिनट का मौन रखा। छाया चौराहे पर भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने कैंडिल मार्च निकाला। शिवम ¨सह राठौर, आशीष, जान मोहम्मद, हिमांशु चौरसिया, तबरेज आलम, राहुल, अर्चित, आलोक, त्यागी, गुरुदीप, हर्षित आदि ने दो मिनट का मौन रखा। पीपीएस कॉलेज में शोकसभा में निदेशक पीपी ¨सह, प्रशासक राजू ¨सह सहित कॉलेज के शिक्षक व छात्र-छात्राओं ने दो मिनट का मौन रखा। रामसेवक यादव स्मारक इंटर कॉलेज में प्रबंधक डॉ. विकास यादव के नेतृत्व में शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने शोक संवेदना प्रकट की। शिवराष्ट्रसेना, शिवसैनिकों व आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी शोक जताया। ¨हद मेडिकल कॉलेज में चेयरपर्सन श्रचा मिश्रा के नेतृत्व में हुई शोक सभा में शिक्षक, शिक्षिकाओं व छात्र छात्राओं ने दो मिनट का मौन रखकर शोक जताया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला कार्यालय पर हुई शोकसभा में कार्यकर्ताओं ने पुष्पांजलि दी। सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में शोकसभा हुई। समाजवादी अधिवक्ता सभा ने भी शोक जताया। फतेहपुर संवादसूत्र के अनुसार बुधवार को भी विभिन्न विद्यालयों में शोक सभाओं एवं उन पर आधारित संगोष्ठियों का दौर जारी रहा। नन्हें-मुन्हों के दिलों में बसे 'काका' के निधन का दुख चेहरों पर छाई मायूसी के रूप में स्पष्ट देखा जा सकता है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्ध डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम क्षेत्र के हजारों विद्यार्थियों के आदर्श के रूप में रहे हैं। उनका प्रेरणादायी जीवन, विनम्रता, कार्य के प्रति समर्पण, राष्ट्र के प्रति सत्यनिष्ठा एवं अविवादित जीवन शैली के चलते डॉ. कलाम क्षेत्रीय विद्यार्थियों के दिलो दिमाग में बसे हुए थे। ग्रामीण अंचल होने के कारण एवं सूचना के अभाव में विद्यार्थियों को मंगलवार की सुबह स्कूल पहुंचने पर जब डॉ. कलाम की मृत्यु का समाचार मिला तो वे अवाक रह गए। बुधवार को क्षेत्र के अनेक विद्यालयों के सूचना पट्ट पर डॉ. कलाम द्वारा कहे सद्वाक्य लिखे नजर आए। विद्यालय के स्टॉफ रूम से लेकर कक्षाओं तक में डॉ. कलाम के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर चर्चाएं आम रहीं। स्थानीय विद्यालय वारिस चिल्ड्रेंस एकेडमी इंटर कॉलेज के विद्यार्थी मो. वशील, मयंक शुक्ला, विपिन वर्मा, अखिलेश मौर्य, विद्या भूषण, अभिषेक वर्मा, सृष्टि श्रीवास्तव, अनामिका वर्मा ने डॉ. कलाम पर आधारित भावपूर्ण विचार व्यक्त किए। विद्यालय के सभी विद्यार्थियों ने डॉ. कलाम द्वारा बताए गए आदर्शों पर चलने पर संकल्प लिया। इसी प्रकार महारानी लक्ष्मी बाई इंटर कॉलेज, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, नेशनल इंटर कॉलेज, युगांतर विद्या मंदिर, ग्लोरियस पब्लिक जूनियर हाईस्कूल, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज आदि विद्यालयों में भी डॉ. कलाम को लेकर चर्चाएं आम रहीं। सिरौली गौसपुर संवादसूत्र के अनुसार अशर्फीलाल यादव मांटेसरी स्कूल में प्रधानाचार्य अश्विनी यादव बच्चों के साथ एवं जय¨हद पब्लिक स्कूल बदोसरांय, मो. शुएब अहमद, भाजपा नेता संतोष पांडेय, राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. विजय कृष्ण यादव ने शोक जताया।

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