'मिट्टी में ही है 25 फीसदी कार्बन'
बाराबंकी: राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम के तहत अवध कल्चरल सोसायटी की ओर से सोमवार को इंजीनिय
बाराबंकी: राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम के तहत अवध कल्चरल सोसायटी की ओर से सोमवार को इंजीनियर्स पब्लिक स्कूल में 'बंजर भूमि संरक्षण और सूखा से मुकाबला' विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में वक्ताओं ने पर्यावरण की महत्ता पर प्रकाश डाला और संरक्षण के उपाय बताए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी हरिनाम ¨सह ने कहा कि देश की भूमि बंजर व क्षरण से प्रभावित हो रही है। मिट्टी की ऊपरी परत के क्षरण को रोकने का सबसे बेहतर तरीका है-जल प्रबंधन, वृक्षारोपण, सूखारोधी बीज और मिट्टी बचाने वाले समुदायों की आर्थिक सहायता। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर कार्बन का 25 फीसदी मिट्टी में ही है। ऐसे में मिट्टी के संरक्षण से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और वैश्विक तापवृद्धि रोकने में भी मदद मिलेगी। अगर इस तरफ ध्यान दिया जाए तो कुछ समस्याएं हल हो सकती हैं। भारत सरकार के स्टै¨डग काउंसिल केसी शर्मा ने कहा कि पर्यावरण के प्रति समय रहते लोगों को जागरूक न किया गया तो देशवासियों को कुपोषण, भुखमरी व महामारी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भूमि क्षरण रोकने के लिए मृदा परीक्षण और खाली भूमि पर अधिक संख्या में छायादार वृक्षों का रोपण किया जाना आवश्यक है। समाजसेवी अखंड प्रताप ¨सह ने कहा कि देश में वन क्षेत्र बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए सामूहिक भागीदारी पर विशेष बल दिया जाना चाहिए। गोष्ठी को प्रबंधक मीना ¨सह, पुष्पा मिश्रा, किरन अवस्थी, अजय कुमार ¨सह, मो. इमरान, राकेश कुमार, प्रभात दीक्षित, कौशिकी ¨सह, आकांक्षा ¨सह, शिल्पी अवस्थी, एशिता कश्यप, आकांक्षा शुक्ला, दिव्यांशी, साक्षी मौर्या ने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी के आयोजक एवं संस्था के सचिव मो. गुलफाम ने अतिथियों का स्वागत व अध्यक्ष मो. इरफान ने आभार व्यक्त किया। गोष्ठी के उपरांत विद्यालय परिसर में विभिन्न प्रजातियों के पौधरोपित किए गए।