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जाने कहां लुप्त हो गए मनोरंजन के साधन

बाराबंकी : आमजन के जीवन में उमंग उत्साह और मनोरंजन का स्थान दिन प्रतिदिन विलुप्त होता जा रहा है। सा

By Edited By: Published: Tue, 30 Jun 2015 12:08 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2015 12:08 AM (IST)
जाने कहां लुप्त हो गए मनोरंजन के साधन

बाराबंकी : आमजन के जीवन में उमंग उत्साह और मनोरंजन का स्थान दिन प्रतिदिन विलुप्त होता जा रहा है। सार्वजनिक मनोरंजन के साधन सिनेमा, जादू, कठप तली खेल के मैदान सब हाशिए पर है।

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घाटे का सौदा बन गया मनोरंजन : प्रदेश की राजधानी से सटे मध्यवर्गीय जिले में मनोरंजन घाटे का सौदा बनकर रह गया है। दशकों लोगो के एकत्रित होने का स्थान का स्थल बने सिनेमाहाल अब घाटे का सौदा बन गए है। नगर एक प्रसिद्ध सिनेमाहाल पूरी तरह से बंद हो गया। चल रहे दो अन्य सिनेमाहालों में भी अब पहले की तरह भीड़ नहीं जुटती। इन सिनेमाहालों में हाउसफुल का बोर्ड लगे एक सपना जैसा हो गया है। वर्तमान में नगर में दो सिनेमाहाल के अलावा जैदपुर, फतेहपुर, हैदरगढ़ में एक-एक सिनेमाहाल है। नगर को छोड़ दिया जाए तो ग्रामीण अंचल के सिनेमाहाल में किसी-किसी दिन भीड़ न जुटने के चलते शो नहीं चलाया जाता है।

केबिल कनेक्शन तीन हजार के करीब : मनोरंजन कर अधिकारी एनके गुप्ता स्वयं मानते है कि पहले की अपेक्षाकृत सिनेमाहालों में भीड़ दर्शकों की नहीं आती है। टू¨रग टाकीज भी बंद हुए काफी समय हो गया है। अब मनोरंजन में सिर्फ केबिल कनेक्शन तीन हजार के करीब है। उनका प्रयास है कि मनोरंजन के साधन बढ़ाए जाए।

पायका योजना भी नहीं कर सकी उद्धार : वर्ष 2008 में केंद्र सरकार की पायका योजना पंचायत युवा क्रीड़ा एवं खेल अभियान भी ग्रामीण खेलकूद को बढ़ावा नहीं दे सकी है। वर्ष 2008-09 में सौ खेल के मैदान व वर्ष 2009-10 में 52 खेल के मैदानों को चिन्हित किया गया। यह क्रम अनवरत जारी रहा। मगर आज आलम यह है कि पायका के तहत जो मैदान बनाए गए है वे ऊबड़ खाबड़ है। कहीं कहीं घास इतनी बड़ी है कि खेल शायद ही इन मैदानों पर हो पाए।

जीआईसी ने मैदान को बनाया व्यवसायिक : नगर के राजकीय इंटर कॉलेज का मैदान पूरी तरह व्यवसायिक बन चुका है। वर्तमान में इस समय यहां पर प्रदर्शनी चलाई जा रही है। बच्चों को खेल से वंचित किया जा रहा है। इस मैदान पर अक्सर कोई न कोई कार्यक्रम लगे रहते है।

स्टेडियम में थोड़ी सी बारिश में भर जाता है पानी : नगर के एकमात्र केडी ¨सह बाबू स्टेडियम में जल निकासी के बेहतर प्रबंध नहीं है। थोड़ी सी बारिश में मैदान पर पानी भर जाता है। इसके बाद जल निकासी के बेहतर प्रबंध न होने से कई-कई दिनों तक खिलाड़ी खेल नहीं पाते है। वर्तमान में पानी भरने के चलते सुबह टहलना भी स्टेडियम में लोगो का बंद है।


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