साहस से बालिका वधू बनने से बची एक मासूम
¨नदूरा (बाराबंकी) : अपने साहस से मासूम बालिका वधू बनने से बच गई। बालिका की हिम्मत के आगे न केवल घरात
¨नदूरा (बाराबंकी) : अपने साहस से मासूम बालिका वधू बनने से बच गई। बालिका की हिम्मत के आगे न केवल घरातियों बल्कि बरातियों ने भी घुटने टेक दिए। अपने पिता से भी बड़ी उम्र के व्यक्ति के साथ बालिका ने न केवल फेरे लेने से इनकार कर दिया बल्कि ऐन मौके पर साहसिक फैसला लेकर पूरे गांव को आश्चर्यचकित कर दिया। दोनों पक्षों में समझौते के बाद बरात वापस लौट गई।घुंघटेर थाना क्षेत्र के गढ़ी मजरे ¨सतर निवासी मंगल यादव की 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री का विवाह देवा थाना क्षेत्र के ग्राम करीमाबाद मजरे मित्तई निवासी राम उजागर पुत्र श्रीपाल यादव (38) के साथ तय हुआ था। रविवार को गाजे बाजे के साथ बरात गांव पहुंची तो बरातियों का स्वागत किया गया। देर रात जब फेरे लेने के दौरान दूल्हा मंडप के नीचे पहुंचा तो दुल्हन ने जैसे ही दूल्हे को देखा तो वह भड़क गई। दूल्हे की उम्र स्वयं से 20-25 वर्ष अधिक लगने पर दुल्हन ने फेरे लेने से इंकार कर दिया। दोनों पक्षों में देर रात तक मान मनौवल का दौर चलता रहा लेकिन इसके बाद भी लड़की अधेड़ के साथ शादी करने के लिए राजी नहीं हुई। अंतत: दोनों पक्षों के आपस में समझौते के बाद बरात वापस लौट गई।
पुलिस का रहा यह रवैया : थानाध्यक्ष वकील यादव का कहना है कि मामले की जानकारी हुई है परन्तु हम तक किसी भी पक्ष की ओर से कोई शिकायत नहीं पहुंची है। अगर कोई शिकायत आती है तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।