रिजल्ट-दो-बिजली से हारे सीबीएसई के टॉपर
बाराबंकी: सीबीएसई की इंटरमीडिएट परीक्षा में जिले में सर्वाधिक अंक पाने वाले तीन छात्रों ने बिजली की
बाराबंकी: सीबीएसई की इंटरमीडिएट परीक्षा में जिले में सर्वाधिक अंक पाने वाले तीन छात्रों ने बिजली की समस्या को जिले के विकास में बाधक बताया। वे बोले कि काश बिजली की समस्या जिले में न होती तो और ज्यादा नंबर मिलते। प्रस्तुत हैं मेधावियों से बातचीत के मुख्य अंश-
अच्छा लगता है विज्ञान : शिवम
95 फीसदी अंक पाने वाले शिवम उपाध्याय की विज्ञान में काफी रुचि है। इनका कहना है कि विज्ञान के हर सूत्र व पहलू को समझने की कोशिश में जुटे रहते हैं। इंटर के बाद अब वह आईटी करके देश की सेवा करेंगे। आवास विकास कालोनी के छोटे से मकान में रहने वाले शिवम के हौसले काफी बड़े हैं। शिवम ने कहा कि यहां पर बिजली की सबसे बड़ी समस्या है। बिजली अगर नियमित मिलती तो हो सकता है और भी नंबर मिलते। अपनी माता निर्मला उपाध्याय को अपनी सफलता का राज बताते हैं। मां हमेशा आगे बढने की प्रेरणा देती हैं और पिता भी पूरा ख्याल रखते हैं। सभी विषय में 95 फीसदी नंबर कैसे मिले? इस पर शिवम ने कहा कि रसायन व भौतिक का टयूशन मैं पढ़ता था। गणित सहित अन्य विषयों की पढ़ाई घर पर ही करता था। गणित के सवाल हल करने में मजा आता है।
बनना है कंप्यूटर इंजीनियर: सक्षम
94.6 फीसदी अंक पाने वाले सक्षम वर्मा कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहते हैं। सक्षम ने कहा कि कंप्यूटर पर काम करना बहुत अच्छा लगता है। इसलिए कंप्यूटर साइंस पढ़ने की इच्छा है। कंप्यूटर के जरिए पूरी दुनिया मुट्ठी में रहती है। चार बहनों में अकेले होने के बावजूद पढ़ाई में रुचि इतनी कैसे? इस सवाल पर सक्षम तो मुस्कराया मगर उसकी मां सरोज बोलीं यह सोता कम पढ़ता ज्यादा है। अमूमन माताओं को अपने बच्चों को पढ़ने के लिए कहना पड़ता था मगर मैं इसे सोने के लिए डाटती हूं। सक्षम ने बताया कि उसके पिता बैंक में उन्नाव में नौकरी करते हैं इसलिए सुबह छह बजे चले जाते हैं और लौटने में रात के 10-11 बज जाते हैं। पढ़ाई के साथ ही वह पिता का भी लौटने पर वह इंतजार करता है। उसे पढ़ते देखकर वह हमेशा पीठ थपथपाकर नंबर वन बने रहने की कामना करते हैं। सक्षम ने बताया कि उसकी बहनें भी पढ़ाई में अच्छी हैं। इसलिए बहनों से भी पढने की प्रेरणा मिलती ह । केमिस्ट्री में सबसे अधिक 97 अंक मिले हैं। इसके लिए सक्षम ने शिक्षक घनश्याम की सराहना की है। बिजली को बाराबंकी जिले की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए सक्षम ने कहा कि अक्सर इनवर्टर भी बैठ जाता है। ऐसे में कभी-कभी आधा पाठ पढ़कर बंद कर देना पड़ता है।
आइएएस बनकर करना चाहता हूं देश की सेवा :प्रत्यूष
प्रत्यूष गुप्ता के पिता बीमा कंपनी में हैं और बाबा बैंक के अधिकारी रह चुके हैं। मगर वह आइएएस बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। देश की सेवा के लिए आइएएस ही क्यों? इस सवाल पर प्रत्यूष ने कहा कि यह सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा मानी जाती है। आइएएस बनकर जरूरतमंदों के लिए संचालित सरकारी योजनाओं का लाभ तो उन्हें दिलाया ही जा सकता है। प्रत्यूष को देश के ऐतिहासिक पुरुषों की जीवनी और कहानियां पढ़ना अच्छा लगता है। लेखक चेतन भगत की किताबें पढ़ने में ज्यादा रुचि है। बिजली की समस्या को प्रत्यूष भी पढ़ाई में सबसे बड़ी बाधा मानते हैं।