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आंधी-पानी से तबाह हो गई पोश्ता की फसल

बाराबंकी : आंधी-पानी के झोंकों ने तिलहन और दलहन की फसलों को क्षति पहुंचाने के साथ ही पोस्ता की फसल क

By Edited By: Published: Mon, 02 Mar 2015 11:57 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2015 11:57 PM (IST)
आंधी-पानी से तबाह हो गई पोश्ता की फसल

बाराबंकी : आंधी-पानी के झोंकों ने तिलहन और दलहन की फसलों को क्षति पहुंचाने के साथ ही पोस्ता की फसल को भी बर्बाद कर दिया है। खेतों में तैयार खड़ी फसल गिर गई। इससे काश्तकार ¨चतित हैं। जिला अफीम अधिकारी के कार्यालय पहुंचकर फसल के आकलन की फरियाद लगाई है।

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बीते 24 घंटे बेवक्त हुई बारिश किसानों पर किसी तबाही से कम नहीं दिखी। आलू, सरसों, गेहूं के अलावा पोश्ता काश्तकार भी बरसात से तबाह हो गए। हरख ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम करीमाबाद मलौली निवासी पोश्ता काश्तकार रामहरख, रामखेलावन, अमर ¨सह, रामफेर, नरेंद्र कुमार, पुत्तूलाल के अलावा ग्राम गोकुलपुर, पीरपुर व अड़गपुर के निवासी पोश्ता काश्तकारों की खेतों में तैयार फसलें तहस-नहस हो गई हैं। फसलों की बर्बादी से कृषक टूट गए। पोश्ता काश्तकार रामहरख का कहना है कि तमाम उम्मीदें थीं, सपने संजोए थे। तूफान से फसल की तबाही ने सब कुछ छीन लिया। ग्राम कुर्मिनपुरवा निवासी प्रधान प्रतिनिधि रामपाल यादव का कहना है कि किसान की समृद्धि फसलों के उत्पादन पर निर्भर होती है। जब फसलें ही तबाह हो जाएंगी तो अन्नदाता को अधमरा समझिए। भगवानपुर निवासी बड़े कृषक उमाशंकर वर्मा का कहना है कि प्रकृति की मार ने ऐसा कहर बरपाया है कि खेतों को जाने का मन नहीं करता। क्योंकि वहां जाने पर सब कुछ लुटा दिखता है। उनका कहना है कि प्रशासन को आकलन कराकर क्षतिपूर्ति करनी चाहिए।

जिला अफीम अधिकारी मो. इस्लाम का कहना है कि कृषक प्रार्थनापत्र देंगे तो फसलों को जुतवाने और उखड़वाने का आदेश दिया जाएगा। अन्य कोई फैसला लेने का उन्हें अधिकार नहीं है।


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