..मगर जागरूक किसानों का कम हुआ नुकसान
बाराबंकी : बेमौसम हुई बरसात से एक ओर जहां आलू की फसल खेत में सड़ने की कगार पर पहुंच गई है वहीं कुछ कि
बाराबंकी : बेमौसम हुई बरसात से एक ओर जहां आलू की फसल खेत में सड़ने की कगार पर पहुंच गई है वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने कई दिन से मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखकर आलू की फसल खेत में खोद डाली या फिर खेत को आलू खोदने वाली मशीन से जोतवा दिया। इससे उनका नुकसान काफी कम हुआ।
हरख गांव के किसान हरिश्चंद्र वर्मा व इनके भाई ने मौसम विभाग की चेतावनी के ²ष्टिगत 26 फरवरी से ही अपने आलू की खुदाई शुरू कर दी थी। हरिश्चंद्र ने बताया कि उनके भाई का आलू तो मशीन से खुदने के बाद मजदूरों के जरिए बीनकर बोरों में सुरक्षित हो गया था मगर उसका करीब चार बीघे आलू खेत में ही पड़ा रहा। चूंकि मशीन से आलू खुदकर खेत में बिखर गया था। इसलिए बरसात होने पर आलू के ऊपर चढ़ी मिट्टी धुल गई। सोमवार को पानी नहीं बरसा। आलू बीनने में भी आसानी हो रही है। हरिश्चंद्र ने बताया कि 27 फरवरी की रात को ही उसने अपना पूरा खेत जोतवा दिया था। उसकी कोशिश थी कि 28 फरवरी की सुबह दो दर्जन मजदूर लगवाकर आलू बिनवा लेगा मगर रात से ही बरसात होने लगी। जिसके कारण एक मार्च को क्षेत्र में आलू भीगने पर कोई नुकसान नहीं हुआ। अब उसको बीनकर सुरक्षित कोल्ड स्टोर में पहुंचा दिया जाएगा।