आखिरकार निराश होकर लौटी महिलाएं
बाराबंकी : तीन दिनों से नसबंदी के लिए भटक रही महिलाओं की नसबंदी नहीं की गई है। जबकि शासन द्वारा नसबं
बाराबंकी : तीन दिनों से नसबंदी के लिए भटक रही महिलाओं की नसबंदी नहीं की गई है। जबकि शासन द्वारा नसबंदी को लेकर जोर दे रहे है। बावजूद इसके जिला प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। जिसका खुलासा सोमवार को हुआ, आईं महिलाएं बिना नसबंदी के ही निराश होकर लौट गईं।
सिद्धौर, हैदरगढ़ तथा हरख ब्लाक क्षेत्र की दर्जन भर महिलाएं गत शनिवार को आशा बहू जिलाध्यक्ष सुनीता के माध्यम से नसबंदी के लिए जिला महिला अस्पताल आईं हुई थीं। शनिवार को पूरा दिन रोकने के बाद यह कहकर लौटा दिया गया कि नसबंदी सोमवार को की जाएगी। सोमवार को अनीता, माया देवी, मीरा देवी, आशा देवी, संगीता देवी, मुन्नी, सुशीला, नीतू व सूनीता जिला महिला अस्पताल आईं हुई थी। अस्पताल में डाक्टरों द्वारा नसबंदी करने से मना कर दिया गया। इसकी शिकायत को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पास गई। सीएमओ ने टीम आने तक रूकने का आश्वासन दे दिया गया। दोपहर बाद भी जब टीम नहीं आई तो महिलाओं द्वारा जिलाधिकारी से नसबंदी न होने की शिकायत कर दी गई। जिलाधिकारी ने सीएमओ को जल्द नसबंदी कराने का निर्देश दे दिया। बावजूद इसके शाम तक महिलाओं की नसबंदी नहीं की गई है।
इनसेट-भीषण ठंड में ठिठुरते रहे महिला व बच्चे
बाराबंकी : नसबंदी के लिए जिला अस्पताल में आईं महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी थे। अधिकारियों द्वारा आश्वासन पर आश्वासन देकर देर शाम तक जिला महिला अस्पताल में रोका रखा। जिससे बच्चे व महिलाएं ठंड में परेशान रहे।
तीस महिलाओं की हुई नसबंदी
संवादसूत्र, कोठी : कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को 30 महिलाओं की नसबंदी करने के लिए शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें इन महिलाओं की नसबंदी होने के बाद प्रोत्साहन राशि दी गई। नसबंदी कराने में सीता, सीमा, अनीता, सुनीता, छाया, केवला आदि महिलाएं शामिल रहीं।
कोठी में महिलाओं की नसबंदी की जा रही थी, इसी बीच मशीन खराब हो गई जिससे टीम जिला अस्पताल नहीं आ पाई थी। जिला अस्पताल के सर्जन लखनऊ में एक मी¨टग में गए हुए थे। मंगलवार को इन महिलाओं की नसबंदी कराई जाएगी।
रवींद्र कुमार- मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाराबंकी।