शिया वक्फ बोर्ड के खिलाफ उलेमा ने खोला मोर्चा
बाराबंकी : शिया उलेमा काउंसिल ¨हद के सचिव मौलाना इफ्तेखार हुसैन इंकलाबी ने शिया मुस्लिम वक्फ बोर्ड क
बाराबंकी : शिया उलेमा काउंसिल ¨हद के सचिव मौलाना इफ्तेखार हुसैन इंकलाबी ने शिया मुस्लिम वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पर अरबों की वक्फ संपत्तियों को बेचकर हजम कर लेने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री, वक्फमंत्री को पत्र भेजकर आरपार की लड़ाई का एलान किया है।
पत्र में कहा गया है कि शिया वक्फ बोर्ड की अरबों की वक्फ संपत्ति को चेयरमैन वसीम रि•ावी ने खुर्द-बुर्द कर डाला। जिसमें आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, लखनऊ, बाराबंकी, मुजफ्फरनगर की कीमती वक्फ संपत्तियां हैं। इस पर सीबीसीआईडी जांच में भी एफआइआर दर्ज हुई। जांच अभी भी चल रही है सरकार ने घोटालों के देखते हुए वक्फ बोर्ड भंग कर दिया था। चेयरमैन वसीम ने उच्च न्यायालय की शरण ली जहां उनकी रिट खारिज हो गई। बाद में वह सपा सरकार के इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय चले गए। मामला चलता रहा स्टेट के वकील की मिलीभगत और खामोशी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड भंग करने के सरकार के फैसले को स्टे कर दिया। वसीम ने शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पद का चार्ज ले लिया और सौदा इस पर कर लिया कि नवेद मियां रामपुर और मौलाना कल्बे जव्वाद साहब के खिलाफ कार्रवाई कर जेल भिजवा देंगे।
पत्र में मौलाना ने कहा है चेयरमैन वसीम रिजवी कब्र का हदिया लेने वालों को तो नोटिस भेज रहे हैं जबकि क्रब की जमीन से मिलने वाला हदिया, इमदाद, इमामबाड़ा और दरगाह की तामीर में लगाया जाता है। इसमें जमीन बरकरार रहती है और रजिस्ट्री करके या किरायेदारी करके वक्फ को खुर्द-बुर्द नहीं किया जाता है। मौलाना इंकलाबी ने एक हफ्ते में अपने पत्र पर कार्रवाई की मांग के साथ उनको भी अवगत कराने का मुतालबा किया है। मांगें न पूरी होने पर जनवरी में धरना प्रदर्शन की घोषणा की है।