थाना समाधान दिवस में 28 मामलों का निस्तारण
बाराबंकी :शनिवार को थाना समाधान दिवस में शिकायतों के निस्तारण की रफ्तार काफी सुस्त रही। अधिकांश निस्
बाराबंकी :शनिवार को थाना समाधान दिवस में शिकायतों के निस्तारण की रफ्तार काफी सुस्त रही। अधिकांश निस्तारण लेखपालों व राजस्व कर्मियों के न पहुंचने के कारण निस्तारित नहीं हो पा रहे है।
जिले भर के थानों में कुल 75 मामले आए। जिसमें से 28 मामलों में निस्तारण हो सका। कुल 48 मामले निस्तारित नहीं हो सके। इनमें अधिकतर मामले राजस्व संबधी रहे। हैदरगढ़ संवादसूत्र के अनुसार सीओ आनंदवीर ¨सह की अध्यक्षता में आयोजित थाना समाधान दिवस पर सिर्फ चार शिकायतें प्राप्त हुई। जिसमे से एक भी शिकायत निस्तारित नहीं की जा सकी। राजस्व, विद्युत, नगर पंचायत आदि के विभाग के अधिकारी कर्मचारी नदारद रहे। लेखपालों ने बहिष्कार किया। कोतवाली नगर, रामसनेहीघाट कोतवाली, बदोसराय कोतवाली में भी शिकायतों के निस्तारण की रफ्तार काफी सुस्त रही। थाना रामनगर, सुबेहा, टिकैतनगर, दरियाबाद, मोहम्मदपुर खाला में भी रफ्तार सुस्त रही। एएसपी कुलदीप नारायण ने बताया कि लेखपालों के न आने से राजस्व संबधी मामलों को निस्तारण नहीं कराया जा सका है। पुलिस संबंधी मामलों का निस्तारण कराया गया है। वहीं दूसरी ओर एसपी अब्दुल हमीद रामसनेहीघाट कोतवाली व टिकैतनगर थाने में आयोजित समाधान दिवस का अवलोकन करने पहुंचे।
लेखपालों का बहिष्कार जारी : विभिन्न मांगों को लेकर लेखपालों की ओर से थाना समाधान दिवस का बहिष्कार शनिवार को भी जारी रहा। बहिष्कार के चलते राजस्व संबधी मामलों का निस्तारण नहीं हो सका। लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार शुक्ला का कहना है कि चार सूत्री मांग है। इन मांगों में उत्तरा खंड, पंजाब, हरियाणा व हिमांचल में जो भत्ते लेखपालों को दिए जा रहे है वहीं भत्ते प्रदेश में दिए जाए। सीधी भर्ती को बंद कर लेखपालों को प्रोन्नत किया जाए। सभी विभागों में 16 वर्ष में प्रोन्नत हो जाती है। लेखपालों में तीस वर्ष की नौकरी के बाद भी उसी पद पर बने है। प्रदेश में आठ हजार पद खाली है। इनको भरा जाए। अतिरिक्त कार्य लिया जा रहा है तो उसमे मानदेय दिया जाए। शैक्षिक योग्यता स्नातक की जाए। नियुक्ति अधिकारी एसडीएम को हटाकर डीएम को बनाया जाए।