आशा की हत्या से पूरे गांव में निराशा
बाराबंकी : चार फिट की 35 वर्षीय आशा एक पैर से विकलांग थी। इसी कारण उसका विवाह भी नहीं हो सका था, लेकिन अपने स्वभाव और ईश्वर की भक्ति के लिए पूरे गांव की वह चहेती थी। आशा के साथ अचानक हुई इस दर्दनाक वारदात से पूरा गांव स्तब्ध है और पीड़ित परिवार के दुख में पूरी तरह से शरीक है।
शौच के दौरान आशा का अपहरण कर उससे दुष्कर्म का प्रयास और फिर ग्रामीणों से बचने के लिए आशा की पानी में डुबो कर हत्या करने की सनसनीखेज वारदात से गांव में दहशत है। आशा की पांच बहन और पांच भाई है, लेकिन शारीरिक कमी के कारण उसका पूरा विकास नहीं हो सका था। नित पूजा पाठ करना और घर के कामों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाली आशा से न केवल परिवारीजन बल्कि ग्रामीण भी खुश रहते थे। अब परिवारीजन का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतका की मां राम दुलारी बताती है कि आशा बहुत शर्मीली किस्म की लड़की थी वह हमेशा अकेले ही शौच को जाती थी।
चांदनी कर सकती है पहचान : गांव में आशा की पड़ोसी चांदनी बताती है कि वह भी सुबह छह बजे अपनी दो छोटी बहनों के साथ शौच गयी थी। तो नदी किनारे खड़ा एक युवक उन्हें घूर रहा था। फिर सामने से होता हुआ यह वह व्यक्ति उस तरह गया जहां आशा शौच के लिए गयी थी। चंद मिनट बाद ही आशा के चिल्लाने की आवाज आई फिर उसकी हत्या कर दी गयी।
डॉग स्क्वायड विफल : वारदात को अंजाम देने वाल आरोपी का सुराग लगाने के लिए एसपी ने डॉग स्क्वायड को बुलवाया। लेकिन इससे भी कोई पुलिस को राहत नहीं मिली। पानी होने के कारण खोजी कुत्ते को भी सफलता नहीं मिली।
बचाए लेव हमका : मौत के खौफ से चिल्ला रही आशा के यह आखिरी शब्द थे। जिसे सुनकर परिवारीजन व ग्रामीण उसे बचाने पहुंचे थे। इसके बाद आशा सदैव के लिए खामोश हो गयी। मृतका के परिवारीजन बार-बार कहकर रो पड़ते हैं कि कोई उका बचाए नई पावा।