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परिवहन निगम की बसों का चक्का जाम, यात्री परेशान

By Edited By: Published: Sat, 20 Sep 2014 11:57 PM (IST)Updated: Sat, 20 Sep 2014 11:57 PM (IST)
परिवहन निगम की बसों का चक्का जाम, यात्री परेशान

बाराबंकी : बस में बिना टिकट यात्री मिलने पर परिवहन निगम के अधिकारियों द्वारा लखनऊ में एक परिचालक की सेवा समाप्त कर दी। कार्रवाई की सूचना बाराबंकी डिपो पहुंते ही सभी संविदा परिचालकों ने एक मत होकर बसों का संचालन बंद कर दिया। संविदा चालक, परिचालक कर्मचारी संघर्ष यूनियन लखनऊ के आहवान पर दो सूत्रीय मांगों के पूरा होने तक बहिष्कार जारी रखने की चेतावनी दी गयी है।

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सुबह साढे़ आठ बजे एक के बाद एक परिवहन निगम की अनुबंधित बसों का संचालन बंद कर दिया गया। अधिकांश बसें कुछ ही समय के अंतराल में डिपो में खड़ाकर चक्का जाम कर दिया गया। अपने अपने गंतव्य को जाने के लिए आए यात्री हलकान हो गए और घंटो परेशान रहे। आखिरकार उन्हें अपने निजी अथवा अन्य साधनों से जाना पड़ा।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक आदेश जिसमें उल्लेख किया गया है कि एक भी बिना टिकट यात्री के पाए जाने पर बस के अनुबंधित परिचालक की सेवा समाप्त कर दी जाए। इसी क्रम में लखनऊ में अनुबंधित परिचालक की सेवा समाप्त कर दी गयी थी। इस कार्रवाई के विरोध में संविदा चालक, परिचालक कर्मचारी संघर्ष यूनियन के बैनर तले लामबंद हुए परिचालकों ने बसों का संचालन ठप कर दिया, जो देर शाम तक जारी था। लखनऊ में आलमबाग के बाद बाराबंकी डिपो में संचालन बंद हुआ। इसी बीच संविदा चालक, परिचालक कर्मचारी संघर्ष यूनियन लखनऊ द्वारा दो सूत्रीय मांग उठायी गयीं। जिनमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत समान कार्य का समान वेतन लागू करने और दिल्ली परिवहन निगम के अनुरुप यात्री पेनाल्टी किए जाने की मांग शामिल है। यह मांग संघ के अध्यक्ष एआर जैदी व प्रांतीय उपाध्याय महेंद्र पाल सिंह द्वारा की गयी है।

एआरएम आरएस वर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश 2011 का है मगर विभागीय आदेश अब जारी हुआ है। प्रांतीय स्तर पर हो रही इस मुद्दे पर बैठक के निर्णय पर अग्रिम दिशा निर्धारित होगी।

जबरन रुकवाया संचालन : डिपो में कई परिचालकों ने कार्यालय में जबरन घुसकर अन्य कार्य प्रभावित किया वहीं कुछ अन्य परिचालक जो बस ले जाना चाहते थे उन्हें भी जबरन रोक दिया गया।

जारी किया आदेश : बसों के संचालन के लिए एआरएम ने कार्यालय में कार्यरत करीब डेढ़ दर्जन स्थायी परिचालक के लिए आदेश जारी कर संचालन को कहा। लेकिन विरोध के चलते इस आदेश का पालन नहीं हो सका।


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