पानी से जनजीवन अस्त-व्यस्त
बाराबंकी: जिले के एक तिहाई हिस्से में पिछले 48 घंटों से जनजीवन ठहर गया है। बाराबंकी से गोंडा और बहराइच जाने वाले रास्ते पर तीन फिट पानी बह रहा है। आवागमन रोक दिया गया है। बाढ़ के पानी में डूबकर एक और मौत हुई है जबकि एक अन्य लापता है। पानी अभी भी खतरे के निशान से मीटर 27 सेंटीमीटर एल्गिन ब्रिज पर ऊपर बह रहा है। बचाव और राहत कार्य के लिए तीन प्लाटून पीएसी लगाई गई है।
बाढ़ से रामनगर तहसील में 71 ग्रामसभाओं के 64 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। 12 हजार हेक्टेअर फसल पूरी तरह डूब गई है। यहां 33 नावें लगाई गई हैं। तहसील सिरौली गौसपुर के 17 हजार पांच सौ लोग प्रभावित हुए हैं। यहां सत्तर नावें लगाई गई हैं। रामनगर में एक प्लाटून पीएसी व सिरौली गौसपुर में दो प्लाटून पीएसी लगाई गई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के इलाज के लिए 12 मेडिकल टीमें व चार एंबुलेंस भी मुहैया कराई गई हैं।
सर्वाधिक दिक्कत गोंडा और बाराबंकी की ओर जाने वाले लोगों को उठानी पड़ रही है। यहां लगभग पांच किलोमीटर क्षेत्र में सड़क पर तीन फिट पानी गह रहा है। पिछले 24 घंटों से इस मार्ग पर आवागमन रोक दिया गया है। सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं। वाहनों को फैजाबाद की ओर मोड़ा जा रहा है। इस बीच सिरौली गौसपुर के बदोसराय थाना अंतर्गत ढेकवामाफी गांव में 65 वर्षीय अयोध्या प्रसाद नामक वृद्ध की उस समय डूबकर मौत हो गई जब वह नित्य क्रिया के लिए गया हुआ था। मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के दुर्गापुर नौबस्ता निवासी 12 वर्षीय अजय कुमार पुत्र आशाराम लोधी का सड़क पर बह रहे पानी की चपेट में आकर बह गया। देर शाम तक उसका कोई पता नहीं चल सका था। गनेशपुर में सभी दुकानें पानी में डूब गई हैं। बस स्टाप भी जलमग्न है। राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा दर्जन भर मुख्य मार्गो पर पानी बह रहा है।
टूटा कई दशक का रेकार्ड
रामनगर: घाघरा नदी के बढ़ते जलस्तर ने पिछले सौ वर्षो के अधिकतम रेकार्ड को तोड़ दिया। सोमवार को एल्गिन ब्रिज पर सदी का सबसे अधिकतम जलस्तर का रेकार्ड 107.616 मीटर रेकार्ड किया गया। पिछले रेकार्ड 107.556 मीटर था। हालांकि जलस्तर घटने लगा है लेकिन घाघरा अभी भी खतरे के निशान 106.070 मीटर से 1 मीटर 27 सेंटीमीटर अधिक है। अनुमान है कि एल्गिन ब्रिज पर बुधवार को प्रात: नदी का जलस्तर घटकर 107.200 मीटर पर पहुंच जाएगा लेकिन यह स्थिति तब होगी जबकि गिरिजापुरी अथवा बनबसा बैराज से और पानी न छोड़ा जाए।
एल्गिन ब्रिज पर अधिकतम जलस्तर एक नजर में
वर्ष 2014 - 107.616 मीटर
वर्ष 2013 - 107.116 मीटर
वर्ष 2012 - 107.336 मीटर
वर्ष 2011 - 107.226 मीटर
वर्ष 2010 - 107.476 मीटर
वर्ष 2009 - 107.556 मीटर
सर्पदंश से भी दहशत
रामनगर: बाढ़ के पानी में बहकर आए विषैले सर्प ने मंगलवार को मीतपुर निवासी 32 वर्षीय अतुल मिश्र पुत्र राजेंद्र मिश्र को डस लिया। इसके बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई। हालांकि तात्कालिक उपचार उपलब्ध होने के बाद अतुल को बचा लिया गया है। दो मगरमच्छ भी हरनरायनपुर गांव में घुस आए हैं जिससे इस गांव में दहशत है।
महादेवा तक पहुंचा पानी
रामनगर: पहली बार घाघरा महादेवा ग्रामसभा में घुसी। इस मार्ग के अलावा मंदिर के करीब भी घाघरा का पानी बह रहा है। महादेवा के अलावा भैरमपुर बाजार, गुरुबख्शगंज, गनेशपुर लकड़मंडी, मंझौनी आदि पहली बार बाढ़ की चपेट में आए हैं। हरनरायनपुर निवासी बब्बन तिवारी बताते हैं कि सभी हैंडपंप, कुएं पानी में डूब गए हैं। पीने के पानी की गंभीर समस्या है।
अलीनगर तटबंध को खतरा बढ़ा
बाराबंकी: कटका नाला पर बने अलीनगर एफलक्स तटबंध में बहलोलपुर गांव के पास सोमवार को कटान शुरू हो गई। इस कटान से आसपास के क्षेत्रों में दहशत फैल गई। जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने दावा किया है कि कटान पर काबू पा लिया गया है। बाढ़ कार्य खंड के अधिकारियों को 24 घंटे निगरानी के लिए कहा गया है। यह तटबंध टूटता तो कई गांवों के बह जाने का खतरा उत्पन्न हो जाता।
राजनेताओं ने लिया जायजा
बाराबंकी: ग्राम्य विकास राज्यमंत्री अरविंद कुमार सिंह गोप ने बाढ़ की भयावह स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सिरौली गौसपुर के सनावां घाट, शेखपुर टुटरू, करौढ़वा माफी, अलीपुर, सूरतगंज व बल्लोपुर में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया तथा बाढ़ की चपेट में आकर मृत्यु के शिकार हुए अयोध्या के परिवार वालों को सहायता राशि सौंपी। उन्होंने युद्धस्तर पर राहत कार्य शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व जिलाध्यक्ष मौलाना मेराज, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष धीरेंद्र कुमार वर्मा, जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र, उप जिलाधिकारी गरिमा स्वरूप व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। पूर्व सांसद अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने राहत कार्य और बचाव कार्य पर असंतोष जताया तथा कहा कि सुदूर गांवों में राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रही है।
अभी भी फंसे हैं सैकड़ों परिवार
बाराबंकी: घाघरा व सरयू नदी के बीच स्थित असवा, ढेमा, कोयलावर आदि गांवों में न तो राहत सामग्री पहुंची है और न ही नावें पहुंच रही हैं। इन गांवों में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। बच्चे भूख से बिलबिला रहे हैं। लोग मचान बनाकर रह रहे हैं। गांव में कोई भी ऐसा स्थान नहीं बचा है जहां पानी न हो।