लेखपालों ने किया तहसील दिवस का बहिष्कार
बाराबंकी: जिले के लेखपालों ने मंगलवार को विभिन्न तहसीलों पर आयोजित तहसील दिवस का बहिष्कार किया। वे जिलाधिकारी की अध्यक्षता में रामसनेहीघाट में आयोजित तहसील दिवस में भी सम्मिलित नहीं हुए। जिलाधिकारी के समक्ष 236 मामले पेश हुए जिनमें से उन्होंने आठ का निस्तारण किया तथा गुण-दोष के आधार पर शिकायतों के निस्तारण पर बल दिया।
जिलाधिकारी योगेश्वर राम ने जन शिकायतें सुनने के बाद अधिकारियों से कहा कि सरकार तहसील, थाना व समाधान दिवसों पर आने वाली शिकायतों पर विशेष नजर रख रही है। जिन मामलों में पुलिस की जरूरत है उनमें राजस्व कर्मियों के साथ संयुक्त टीम बनाकर समस्या का स्थायी निदान किया जाए। उन्होंने आम आदमी बीमा योजना के तहत सुखीपुर निवासी गयाप्रसाद पुत्र सालिकराम को तीस हजार रुपये का चेक प्रदान किया।
रामसनेहीघाट संवादसूत्र के अनुसार तहसील दिवस में मंडलायुक्त के आने की सूचना के चलते सभी अधिकारी अंत तक जमे रहे लेकिन वे नहीं आए। तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तेज बहादुर सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से मिलकर उनसे कोतवाली बाराबंकी में अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद, मुख्य विकास अधिकारी शाहिद मंजर अब्बास रिजवी व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
हैदरगढ़ संवादसूत्र के अनुसार आज तहसीलदार रामदयाल वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित तहसील दिवस में 51 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें से तीन का निस्तारण हुआ। भारी उमस के बावजूद तहसील दिवस में शिकायतकर्ताओं की भारी भीड़ उमड़ी। उधर उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार शुक्ला ने दावा किया कि जिले की सभी तहसीलों में लेखपालों ने तहसील दिवस का बहिष्कार किया तथा जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया जिसमें रिक्त आठ हजार पदों पर नियुक्ति करने, जिला स्तर पर लेखपालों की समस्या का समाधान करने की मांग की गई। इस संदर्भ में सायं चार बजे जिला मुख्यालय पर बैठक आयोजित की गई जिसमें इमरान अहमद, राघवेंद्र प्रताप सिंह, शिवाकांत द्विवेदी, रामयज्ञ सरोज, दिलीप मिश्रा, जयप्रकाश, सुभाष चंद्र, प्रहलाद तिवारी, विजय बहादुर आदि मौजूद रहे।