पहले भी हो चुका है खून खराबा
बाराबंकी : आश्रम की इस जमीन को लेकर अनूप पर हमला कोई पहली वारदात नहीं है। पहले भी इसी जमीन के लिए तत्कालीन महंत की आश्रम के भीतर घुसकर हत्या कर दी गई थी।
रामनगर थाना क्षेत्र के ग्राम बिलखिया में शुक्ल मंदिर आश्रम की बेशकीमती जमीन की लालच में वर्ष 1993 में तत्कालीन महंत रामशंकर दास की विपक्षियों ने आश्रम में घुसकर चाकुओं से गोद डाला था। जिसके उपरांत उनके स्थान पर मौजूदा महंत सियाराम दास ने कार्यभार ग्रहण किया था। सियाराम दास बताते हैं कि उनके गुरु रामशंकर दास की हत्या में शामिल शिव कैलाश, प्रेम, प्रधान छोटेलाल सहित दो अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया था। इस बार हमले में भी प्रेम शामिल है। यह गुट लगातार आश्रम की जमीन पर कब्जा करने की फिराक में है।
दबंगई से पीड़ित हैं ग्रामीण : क्षेत्र में जमीन पर दबंगों द्वारा जबरन कब्जा करना और फसल काट लेना आम बात है। स्थिति यह है कि यहां कई लोग ऐसे हैं जो दबंगों के भय से खेती करना ही छोड़ चुके हैं। अब वह लोग मस्त्य पालन का काम करते हैं।
गांव में फैली दहशत : इस वारदात से लोगों के जहन में वर्ष 1993 का हत्याकांड ताजा हो गया। दिन दहाड़े हुई दबंगई को देख ग्रामीणों में दहशत फैल गयी है। हालांकि पुलिस का दावा है कि कई लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। जल्द ही वारदात का राजफाश कर दिया जाएगा।