मौसम में बदलाव से बढ़ी किसानों की चिंता
जागरण संवाददाता, बांदा : मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच दो दिनों से चल रही गर्म हवाएं फागुन की गुलाबी ठंड
जागरण संवाददाता, बांदा : मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच दो दिनों से चल रही गर्म हवाएं फागुन की गुलाबी ठंड को सोख रही हैं। मौसम के इस बदलाव को देख किसान खासे ¨चतित हैं। क्योंकि आगे भी मौसम की यही रफ्तार रही तो रबी की कई फसलों को नुकसान भी पहुंच सकता है। हालांकि गनीमत इस बात की है कि रात में अभी काफी ठंड हो रही है। जानकारों का कहना है कि होली तक हल्की ठंड बनी रही तो फसलों की सेहत के लिए अच्छा रहेगा।
पिछले कई सालों से आपदाओं की मार से टूट चुकी बुंदेलखंड की किसानी के लिए यह साल काफी अच्छा माना जा रहा है। जिले की ही बात करें तो यहां रबी सीजन में लक्ष्य से दो गुना ज्यादा बुआई हुई है। जिसमें गेहूं की पूर्ति साढ़े तीन गुना तक पहुंची। खेतों में लहलहाती हरी-भरी फसलों को देख किसान भी गदगद है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से मौसम में आए उतार-चढ़ाव ने ¨चताए बढ़ा दी हैं। पिछले हफ्ते तीन दिनों तक फरवरी के हिसाब से मौसम गर्म रहा। बाद में पलटी मारते हुए फिर गुलाबी ठंड का असर तेज हुआ लेकिन दो दिन से चल रही गर्म तेज हवाओं का रुख देख किसान ¨चतित हैं। जसपुरा क्षेत्र के किसान शिवदत्त मिश्रा व राधेश्याम ने बताया कि अभी यह मौसम ठीक नहीं है। यदि आगे भी तेज व गर्म हवाओं का सिलसिला जारी रहा तो गेहूं, चना, मसूर जैसी फसलों को नुकसान पहुंचेगा क्योंकि ज्यादातर फसलें पकने, फूल व फली स्टेज पर हैं। संवादसूत्र जसपुरा के अनुसार गर्म हवाओं के चलने से पौधों पर लगी फलियां अभी से चटकने लगी हैं। गेहूं की फसल में पीलापन आने लगा है। किसान जगदेव ¨सह, मुन्नूलाल ने बताया कि खेतों की नमी खत्म होने से किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि यदि यही हाल रहा तो फसल कमजोर होगी।
- तेज व गरम हवाएं चलने पर फसलों की ¨सचाई न करें क्योंकि ¨सचाई के दौरान जड़ें हिलने लगती हैं। इससे उत्पादन प्रभावित होता है। गर्म हवाओं से गेहूं फसल पर असर पड़ सकता है। -बालगो¨वद यादव, जिला कृषि अधिकारी
इनसेट
रबी में बोई गई प्रमुख फसलें (हे0)
गेहूं - 82855
चना - 48855
मटर - 13455
मसूर - 37785
अलसी - 2235